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अगस्त 2019 के बाद की स्थिति स्वीकार्य नहीं: महबूबा मुफ्ती

अगस्त 2019 के बाद की स्थिति स्वीकार्य नहीं: महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर 19 अप्रैल (वार्ता) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में वोट मांगने का पार्टी का मुख्य उद्देश्य संसद के माध्यम से देश को यह बताना है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) ने उनके साथ क्या किया है।अनुच्छेद 370 को हटाना हमें स्वीकार्य नहीं है।

सुश्री मुफ्ती श्रीनगर संसदीय क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार वहीद पारा के समर्थन में पुलवामा में एक रैली को संबोधित कर रही थीं।उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच संसद में लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए श्री पारा की उम्मीदवारी महत्वपूर्ण है।

पीडीपी अध्यक्ष ने कहा “पीडीपी का वोट मांगने का मुख्य उद्देश्य संसद के माध्यम से देश को यह बताना है कि 2019 में (जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था) भाजपा ने हमारे साथ जो किया वह हमें स्वीकार्य नहीं है। एकतरफा फैसले, जायज़ आवाज़ों को दबाना और संवैधानिक गारंटी का क्षरण जम्मू-कश्मीर के लोगों को अस्वीकार्य है। ये बात हम संसद में देश की जनता को बताएंगे, यही कारण है कि हमारे वोटों को विभाजित करने के प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि श्री पारा आवाजों का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ उन जड़ों से संबंध बनाए रखने में सक्षम हैं जो उन्होंने शुरुआत से ही पार्टी के युवा नेता के रूप में विकसित की थीं।पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति की गंभीर तस्वीर पर प्रकाश डाला और पूर्ववर्ती राज्य को खुली हवा वाली जेल में बदलने पर अफसोस जताया। उन्होंने लोगों की दुर्दशा, विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद युवाओं और बढ़ती बेरोजगारी दर पर प्रकाश डाला।

सुश्री मुफ्ती ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए उन पर जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों और संसाधनों को छीनने और उन्हें बंधुआ मजदूरी की स्थिति की ओर धकेलने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि वर्तमान समय परीक्षा का समय है।

उन्होंने कहा, “ पत्थर या बंदूक नहीं - वोट हमारा एकमात्र हथियार है और हमें इसका इस्तेमाल उन तत्वों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए करना चाहिए जो हमारी अंतरात्मा और पहचान को घेरने के लिए बाहर हैं।”

पीडीपी प्रमुख ने लोगों से अपने वोटों को विभाजित करने के दिल्ली के प्रयासों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया, और श्री पारा को संसद में उनके हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार के रूप में जोर दिया।

सोनिया,आशा

वार्ता

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