नयी दिल्ली, 18 फरवरी (वार्ता) रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने टिकट बुकिंग में इस्तेमाल हो रहे अवैध सॉफ्टवेयरों के सफाये के अभियान में निर्णायक कार्रवाई करते हुए 60 एजेंटों को गिरफ्तार किया है और दावा किया है कि अब तत्काल टिकट घंटों तक उपलब्ध होंगे।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि सफाई अभियान का अर्थ है कि यात्रियों के लिए अब तत्काल टिकट घंटों तक उपलब्ध होंगे जबकि पहले बुकिंग खुलने के बाद एक या दो मिनट पहले तक ही उपलब्ध होते थे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एएनएमएस, मैक और जगुआर जैसे अवैध सॉफ्टवेयर आईआरसीटीसी के लॉगिन कैप्चा, बुकिंग कैप्चा और बैंक ओटीपी की बाईपास करके बुकिंग की जाती है लेकिन वास्तविक ग्राहक को इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। उन्होंने बताया कि एक सामान्य ग्राहक के लिए बुकिंग प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 2.55 मिनट लगते हैं, लेकिन ऐसे सॉफ्टवेयरों का उपयोग करने वाले इसे लगभग 1.48 मिनट में पूरी कर लेते।
उन्होंने कहा कि रेलवे एजेंटों को तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं देता और पिछले दो महीनों में आरपीएफ ने लगभग 60 अवैध एजेंटों को पकड़ा जो इन सॉफ्टवेयरों के जरिए टिकट बुक कर रहे थे। ऐसे में अन्य लोगों के लिए तत्काल टिकट प्राप्त करना वस्तुत: असंभव हो गया।
श्री कुमार ने कहा, “आज मैं कह सकता हूं कि अवैध सॉफ्टवेयरों के जरिए एक भी टिकट नहीं बुक किया जा रहा है। हमने आईआरसीटीसी से जुड़े सभी मुद्दों को हल कर लिया है तथा उन लोगों को भी पकड़ लिया जो सॉफ्टवेयर के प्रमुख ऑपरेटर थे।”
उन्हाेंने बताया कि इन गिरफ्तारियों के साथ ही अधिकतर अवैध सॉफ्टवेयरों को ब्लॉक कर दिया गया है जो सालाना 50 करोड़-100 करोड़ रुपये का कारोबार करते थे।
सचिन, यामिनी
वार्ता