Saturday, May 4 2024 | Time 06:06 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


इटावा के आठ राजनेता आजमा रहे है किस्मत

इटावा, 23 अप्रैल (वार्ता) इटावा के मूल निवासी आठ राजनेता उत्तर प्रदेश की विभिन्न संसदीय सीटों से चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने को उतरे हुए है।
खास बात यह है कि आठ में पांच तो अकेले देश के सबसे बड़े सियासी घराने सैफई परिवार के ही सदस्य है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी,अपने तीन चचेरे भाई और भतीजे को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें से कइयों को तो पहले भी कामयाबी मिल चुकी है और कई पहली दफा चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने के लिए उतरे हुए हैं।
इस सूची में सपा संस्थापक नेताजी मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव का नाम शामिल है। मैनपुरी संसदीय सीट से 2004 में पहली दफा और 2009 ओर 2014 में दो दफा बदायूं संसदीय सीट से सांसद रह चुके हैं। 2019 में धर्मेंद्र यादव भाजपा की संघमित्रा मौर्य के मुकाबले मामूली अंतर से पराजित हो गए। धर्मेंद्र पूर्वी उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ संसदीय सीट से चुनाव मैदान में दूसरी दफा उतरे हुए हैं। पहली दफा उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव भारतीय जनता पार्टी के दिनेश लाल यादव के मुकाबले मामूली अंतर से पराजित हो गए थे।
अक्षय यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे हैं । 2024 के संसदीय चुनाव में फिरोजाबाद सीट से एक बार फिर से सपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं हालांकि 2019 के संसदीय चुनाव में अक्षय यादव भाजपा के चंद्रसेन जादौन के मुकाबले पराजित हो गए थे। अक्षय यादव 2014 के संसदीय चुनाव में फिरोजाबाद संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। अक्षय यादव तीसरी दफा चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
मैनपुरी संसदीय सीट से डिंपल को चुनाव मैदान में सपा ने दूसरी दफा उतारा है। डिंपल इटावा जिले की सैफई की मूल वासी है। 10 अक्टूबर 2022 को मुलायम यानी नेताजी के निधन के बाद हुए मैनपुरी संसदीय सीट के उपचुनाव में डिंपल को समाजवादी पार्टी ने उनके उत्तराधिकारी के रूप में उतारा था जिसमें डिंपल को करीब 28800 मतों से जीत मिली थी। दूसरी दफा एक बार फिर से डिंपल यादव को ही मैनपुरी संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। डिंपल 2012 में कन्नौज संसदीय सीट से निर्विरोध सांसद निर्वाचित हो चुकी है जब 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक के मुकाबले मामूली अंतर से पराजित हो गई।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य को बदायूं संसदीय सीट से पहली दफा उतारा गया है। 2019 के संसदीय चुनाव में बदायूं संसदीय सीट से धर्मेंद्र यादव के पराजित हो जाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव को टिकट दिया था लेकिन जब नामांकन का वक्त आया तो शिवपाल सिंह के स्थान पर उनके बेटे आदित्य का नाम घोषित कर दिया गया। आदित्य जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन ओर इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस के चैयरमैन है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव सैफई के मूल वासी है। 2014 में नेता जी के मैनपुरी और आजमगढ़ सीट जीतने के बाद जब नेताजी ने मैनपुरी सीट छोड़ी तो तेज प्रताप को चुनाव लड़ने का मौका मिला जिसमें वह रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने में कामयाब हुए। अब सपा ने कन्नौज संसदीय सीट से तेज प्रताप को उतारा है। सैफई के ब्लॉक प्रमुख के रूप में राजनीति शुरू करने वाले तेज प्रताप बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के दामाद है । 2015 में राजलक्ष्मी से तेज प्रताप की शादी हुई है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के दिग्गज शामिल हुए थे।
इटावा के मूल वासी बहुजन समाज पार्टी के प्रभावी नेता भीमराव को हरदोई सुरक्षित सीट से पहली दफा कोई संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। अंबेडकर 2007 में इटावा जिले की लखना विधानसभा सीट से पहली दफा विधायक निर्वाचित हुए थे । 2019 में जब सपा और बसपा का गठबंधन हुआ तो उनको राज्य सभा का चुनाव भी लड़ाया गया लेकिन प्रथम और द्वितीय वरीयता के मतों के आधार पर अंबेडकर पराजित हो गए । इसके बाद उनको विधान परिषद भेजने की प्रक्रिया अपनाई गई और अंबेडकर विधान परिषद सदस्य बन गए। अंबेडकर बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। अंबेडकर बीएसपी की स्थापना के साथ ही पार्टी से जुड़े हैं । बीएसपी के ज़िलाध्यक्ष भी रहे हैं,मायावती के बेहद क़रीबी हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े शिव प्रसाद यादव इटावा के मूल वासी है। यादव ने साल 2007 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ इटावा की भरथना विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन मामूली अंतर से पराजित हो गए ,नेता जी ने इस सीट को छोड़ दिया तो यादव साल 2009 में बहुजन समाज पार्टी से उतरे और पहली दफा विधायक बने । हालांकि इसके बाद यादव ने कई चुनाव लड़े लेकिन उनको कामयाबी हासिल नहीं हुई। बसपा से मोहभंग के बाद भाजपा में आए लेकिन चुनावी वैतरणी के मामले में भाजपा हाई कमान ने उनको तरजीह नहीं दी तो साल 2023 में यादव ने सर्वजन सुखाय नाम की एक पार्टी का गठन किया लेकिन जैसे ही लोकसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हुई बसपा का दामन थाम करके मैनपुरी संसदीय सीट से डिंपल के मुकाबले चुनाव मैदान में उतरे पड़े। ।
प्रो.रामशंकर कठेरिया भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार माने जाते है, इटावा के मूल वासी कठेरिया अपने कार्यक्षेत्र आगरा से दो दफा लगातार सांसद रहने के बाद 2019 में ग्रह जिले इटावा से चुनाव लड़े जहा उनको जीत मिली,2024 के संसदीय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी में एक बार फिर से कठेरिया पर ही भरोसा जता करके टिकट दिया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े प्रो.कठेरिया अपने प्रारंभिक काल में इटावा में आरएसएस के नगर प्रचारक रह चुके हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रो.कठेरिया मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री के अलावा दो सत्र कठेरिया अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।
सं प्रदीप
वार्ता
More News
मोदी के रोड शो के लिये रामनगरी तैयार

मोदी के रोड शो के लिये रामनगरी तैयार

03 May 2024 | 9:52 PM

अयोध्या, 03 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां पांचवें चरण के लोकसभा चुनाव प्रचार के तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी के पक्ष में पांच मई को रोड शो करेंगे।

see more..
संविधान की रक्षा के लिये भाजपा का सफाया जरुरी: अखिलेश

संविधान की रक्षा के लिये भाजपा का सफाया जरुरी: अखिलेश

03 May 2024 | 9:48 PM

मैनपुरी 03 मई (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि संविधान को बचाने के इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सफाया बेहद जरुरी है।

see more..
image