नयी दिल्ली, 18 सितंबर (वार्ता) सरकार ने ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर पूर्ण प्रतिबंधित लगाने के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया है जिसमें इसके विनिर्माण, आयात-निर्यात, भंडारण, परिवहन और वितरण करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को यहाँ हुई बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की गयी। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्यात, आयात, बिक्री, परिवहन, भंडारण और विज्ञापन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लाया जायेगा। उन्होंने बताया कि संसद के अगले सत्र में इस संबंध में विधेयक पेश किया जायेगा।
श्रीमती सीतारमण ने बताया कि देश में ई-सिगरेट का विनिर्माण नहीं होता है और यहाँ बिकने वाली सभी ई-सिगरेट आयात की जाती है। इस समय देश में 150 से ज्यादा ‘फ्लेवर’ में 400 से ज्यादा ब्रांड के ई-सिगरेट बिक रहे हैं। ये गंधरहित होते हैं और इसलिए ‘पैसिव स्मोकर’ को पता भी नहीं चलता और उसके शरीर में भी भारी मात्रा में निकोटीन पहुँचता रहता है।
श्री जावड़ेकर ने बताया कि ई-सिगरेट और ई-हुक्का से जुड़े नियमों का पहली बार उल्लंघन करने पर एक साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। अपराध दुहराने पर तीन साल तक की सजा और पाँच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया जायेगा। सिर्फ भंडारण संज्ञेय अपराध नहीं होगा, ई-सिगरेट से जुड़ी अन्य सभी गतिविधियाँ संज्ञेय अपराध होंगी।
शेखर अजीत
जारी/ वार्ता