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उमर, मुफ़्ती ने किया जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी सीट पर दोबारा चुनाव कराने का विरोध

श्रीनगर, 26 अप्रैल (वार्ता) जम्मू कश्मीर में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र के लिये चुनाव स्थगित नहीं करने की अपील की।
ईसीआई ने यहां चुनाव प्रचार में कठिनाइयों के कारण कुछ दलों द्वारा चुनाव स्थगित करने की मांग के बाद गुरुवार रात को जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में सात मई को मतदान होना है।
जम्मू-कश्मीर में ईसीआई में चुनाव स्थगित करने का अनुरोध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष रविंदर रैना, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी, इमरान रेजा अंसारी (पीपुल्स कॉन्फ्रेंस), निर्दलीय एडवोकेट मोहम्मद सलीन पारे, और अली मोहम्मद वानी और अर्शीद अली लोन ने दायर किया है।
नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, “अनुरोध (अनंतनाग में चुनाव स्थगित करने का) सीट से चुनाव लड़ने वालों की ओर से नहीं आया है। अजीब बात यह है कि जिन लोगों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, उनमें से कुछ लोग चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। अगर मैं चुनाव आयोग को तमिलनाडु आदि के निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में लिखूं, तो क्या वे नोटिस लेंगे।''
श्री अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने अनंतनाग-राजौरी सीट के लिये अपने उम्मीदवार भी नहीं उतारे हैं और वे मतदान स्थगित करने की मांग करने वालों में से हैं।
श्री अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ऐसा कोई काम नहीं करती जिससे उसे खुद को फायदा न हो।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि मुगल रोड खुला है और अगर बारिश भी होती है तो भी इस पर यात्रा करना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहा, “अगर प्रशासन कारगिल, माछिल और गुरेज़ की सड़कों को खुला रख सकता है, तो इसका कोई कारण नहीं है कि मुगल रोड को भी खुला नहीं रखा जा सकता है, जब तक कि प्रशासन इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी जनादेश में हेरफेर करने की साजिश में शामिल न हो।''
श्री अब्दुल्ला ने कहा कि अगर चुनाव आयोग चुनाव स्थगित करने का फैसला करता है तो कानूनी विकल्प सहित सभी विकल्प खुले हैं।
अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं महबूबा मुफ्ती ने चुनाव टालने की मांग वाली बात पर सवाल उठाया।
सुश्री मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रस्तावित स्थगन के संबंध में ईसीआई को पत्र लिखा और कहा कि इसमें देरी करने के किसी भी प्रयास में सभी पक्षों को समान अवसर नहीं मिलेगा।
ईसीआई को लिखे पत्र में सुश्री मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी पुनर्निर्धारण प्रस्ताव का कड़ा विरोध करती है जिसका लक्ष्य हमारे अभियान को पटरी से उतारना है।
उन्होंने 1987 विधानसभा में कथित धांधली का जिक्र करते हुए कहा, “हमें उम्मीद है कि ईसीआई 21वीं सदी में है जब देश विशेष रूप से सड़क संचार में तार्किक रूप से उन्नत होने का दावा करता है तो ईसीआई इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले जम्मू-कश्मीर के इतिहास पर विचार करेगा। हम एक बार फिर विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि वर्तमान कार्यक्रम का पालन किया जाना चाहिये।''
समीक्षा, सोनिया
वार्ता
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