Tuesday, May 7 2024 | Time 19:03 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


एनएचआरसी ने केंद्रपाड़ा के डीएम, एसपी से दुष्कर्म पीड़िता के मुआवजे पर मांगी रिपोर्ट

केंद्रपाड़ा, 26 अप्रैल (वार्ता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शुक्रवार को केंद्रपाड़ा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को चार सप्ताह के भीतर भुगतान के सबूत के साथ दुष्कर्म पीड़िता को दिए जाने वाले मुआवजे पर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
केंद्रपाड़ा के डीएम और एसपी को इस मामले पर तीन जून तक आयोग के समक्ष अतिरिक्त या पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है। केंद्रपाड़ा के अधिकार कार्यकर्ता सागर जेना द्वारा दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने यह आदेश जारी किया। श्री जेना ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि एक महिला के साथ एक आरोपी ने दुष्कर्म किया, जिसने न केवल इस कृत्य को रिकॉर्ड किया बल्कि पीड़िता को पैसे के लिए ब्लैकमेल भी किया। घटना नवंबर 2021 में घटित हुयी थी। घटना के समय आरोपी ने पीड़िता के पड़ोस के पास एक उत्सव का आयोजन किया था।
कार्यक्रम के दौरान आरोपी ने पीड़िता के खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया, जिससे वह बेहोश हो गई और इसके बाद आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और इस कृत्य को रिकॉर्ड किया। इसके बाद, आरोपी ने पीड़िता को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया, उससे 1.5 लाख रुपये वसूले और आगे भी मारपीट की धमकी दी। पीड़िता ने पांच जनवरी 2022 को आरोपी के खिलाफ शिकायत की। मामले की गंभीरता और मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन को देखते हुए जेना ने आयोग से हस्तक्षेप का अनुरोध किया। आयोग ने 22 सितंबर, 2022 को अधिकारियों से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी। चूंकि कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई, इसलिए संबंधित अधिकारियों को 10 फरवरी, 2023 और फिर 16 मार्च, 2023 को अनुस्मारक भेजे गए। जवाब में, केंद्रपाड़ा के एसपी ने कहा कि चार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323, 506, 376 (डी), 307 और 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक आरोपी को 30 अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया गया और हिरासत में भेज दिया गया। डीएसपी, केंद्रपाड़ा ने मामले की निगरानी की और इसे भारतीय दंड संहिता की धारा धारा 341, 323, 506, 376 (डी), 307 के तहत सच माना।
इसके बाद एसपी ने अगस्त 2023 में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि एक अन्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जांच लंबित है, जांच के दौरान उचित कार्रवाई का वादा किया गया था। पीड़िता के लिए वित्तीय सहायता का अनुरोध करते हुए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, केंद्रपाड़ा को एक पत्र भेजा गया है। काफी समय बीत जाने के बावजूद, जिला अधिकारियों ने पीड़ित को मौद्रिक मुआवजे के भुगतान के संबंध में कोई निर्णायक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की थी।
मामले की जांच लंबित बताई गई थी, लेकिन परिणाम पर कोई आगामी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई थी। सोलह जनवरी को आयोग ने केंद्रपाड़ा के डीएम और एसपी को पीड़ित को दिए जाने वाले मुआवजे और जांच के नतीजे पर चार सप्ताह के भीतर एक पूरक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। आयोग ने कहा कि पुलिस रिपोर्ट में पीड़ित को मुआवजे के बारे में कुछ नहीं बताया गया। एनएएलएसए योजना के अनुसार, एक बलात्कार पीड़िता चार लाख रुपये (न्यूनतम) से सात लाख रुपये (अधिकतम) तक मुआवजे की हकदार है। आयोग ने अपने आदेश में कहा, केंद्रपाड़ा के जिला मजिस्ट्रेट और एसपी को मुआवजे पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
संंतोष
वार्ता
image