बरेली 27अप्रैल (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति में एससी, एसटी व ओबीसी का हक मारने की मंशा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और गठबंधन के एजेंडे में पिछड़ा वर्ग,अनुसूचित जाति और जनजाति का हक छीनकर एक वर्ग विशेष को देना है। ये मजहबी आरक्षण देकर गरीबों, पिछड़ों और अनुसूचित जाति और जनजातियों के हक की लूट करने की मंशा रखते हैं। कर्नाटक में इंडी गठबंधन ने इसकी शुरुआत भी कर दी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने शनिवार को यहां क्षेत्रीय मीडिया सेंटर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जनता को इनके मंसूबों को समझना होगा और इनका बोरिया बिस्तर समेट कर इनको घर लौटा देना है। कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिसंबर 2006 में नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएं बनानी होंगी, जिसमें अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभों में समान रूप से साझा करने के लिए सशक्त बनाया जाए और संसाधनों पर उनका पहला दावा होना चाहिए।
श्री चौधरी ने कहा कि 2009 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में एक प्रेस वार्ता के दौरान इसी बयान को फिर दोहराया था। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की नीतियां भी इसी एजेंडे को लागू करने की रही हैं।
श्री चौधरी ने कहा कि सपा के समर्थन वाली यूपीए सरकार ने सच्चर कमिटी की रिपोर्ट के माध्यम से यह दावा करने का प्रयास किया था कि देश में मुस्लिमों की स्थिति दलितों से भी दयनीय है, इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण के लिए एक लंबे समय से पृष्ठभूमि तैयार कर रही थी। कांग्रेस की अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के अधिकारों पर डाका डालने की यह आदत बहुत पुरानी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 1951 में कहा था कि पिछले 20 वर्षों में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2000 भाषण दिए हैं, लेकिन एक बार भी अनुसूचित जाति के कल्याण के बारे में बात नहीं की है। पंडित नेहरू हमेशा मुस्लिमों के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के एजेंडे पर काम करती है, लेकिन हम मजहबी आधार पर आरक्षण का विरोध करते हैं। हमारा मत स्पष्ट है कि एससी, एसटी और ओबीसी जिन्हें ज्यादा सामजिक सुरक्षा की आवश्यकता है, उनके अधिकारों को छीन कर एक वर्ग विशेष का तुष्टिकरण नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग का गठन कर मुस्लिमों को भी जातियों में बांटने की साजिश की। कांग्रेस ने यह भी साजिश रची कि अगर कोई धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनता है, तो उसका अनुसूचित जाति का दर्जा बना रहे, साथ ही पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत काटकर मुस्लिमों को आरक्षण दिया गया।
श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार ने कोर्ट के कानून को बदलकर एएमयू, जामिया-मिलिया जैसे संस्थानों में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को भी समाप्त किया। 1981 में कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को छीनने के लिए एएमयू (संशोधन) अधिनियम लाकर न्यायालय के फैसले को बदल दिया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के चुनावी घोषणापत्र में भी कांग्रेस ने यही सब बातें कही थी और 2024 में भी फिर से वही वादे कर रही है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि देश में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है, मतलब कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र से स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति से कितनी नफरत है।
सं सोनिया
वार्ता