इंदौर, 10 जुलाई (वार्ता) अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता महिला पहलवान बबीता फोगाट ने कहा है कि खेलों में बच्चों की प्रगति में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और भारतीय कुश्ती महासंघ ने एक जुलाई से ई-पाठशाला शुरू की है जिसका उद्देश्य उभरते पहलवानों को ऑनलाइन ट्रेनिंग की सुविधा प्रदान करना है। साई प्रतिदिन देश के बेहतरीन पहलवानों को ई-पाठशाला में वक्ताओं के रूप में आमंत्रित करती है ताकि युवा पहलवान उनके अनुभवों से कुछ सीख सकें।
गुरुवार के प्रशिक्षण सत्र में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता बबीता वक्ता के रूप में शामिल हुईं। भारतीय महिला कुश्ती टीम के मुख्य कोच कुलदीप मलिक ने बताया कि ई पाठशाला में बबीता के आने की खबर से अचानक फैंस की संख्या बढ़ गई। वैसे तो, बबीता अब राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता हैं, लेकिन यहां वह एक कुश्ती खिलाड़ी होने के साथ जुड़ी हुई थीं। युवा पहलवानों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि खेलों में बच्चों की प्रगति में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे पूर्ण भरोसे के साथ सहयोग करते है, लेकिन इसके बदले हमें स्वयं कड़ी मेहनत करनी होती है।
बबीता ने बच्चों को कड़ी मेहनत का महत्ता समझाते हुये कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में अपनी मंज़िल और लक्ष्य पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने ई-पाठशाला के अंत मे इंदौर के अर्जुन अवार्डी पहलवान और रेलवे कुश्ती टीम के कोच कृपाशंकर बिश्नोई और कुलदीप मलिक को भी धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें लंबे समय तक राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में इनसे प्रशिक्षण लेने का अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे को अपने कोच की इज़्ज़त करनी चाहिए क्योंकि गुरु शिष्यों के साथ जिस तरह स्नेह और ईमानदारी से कार्य करते हैं, उसी तरह शिष्यों को भी अपने कुश्ती खेल धर्म के अनुसार उनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने सोनीपत साई सेंटर की निदेशक ललिता शर्मा को भी धन्यवाद दिया। उनके प्रयासों के बाद ई-पाठशाला मंच के माध्यम से युवा खिलाड़ी देश के अनुभवी खिलाड़ियों और कोचों के तकनीकी कौशल का लाभ उठा रहे हैं और वे बातचीत के माध्यम से अपनी तकनीक और संपूर्ण खेल में सुधार कर रहे हैं।
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वार्ता