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खगड़िया में कैसर और मुकेश सहनी के बीच रोमांचक मुकाबला

खगड़िया में कैसर और मुकेश सहनी के बीच रोमांचक मुकाबला

पटना 22 अप्रैल (वार्ता) बिहार की खगड़िया संसदीय सीट पर तीसरे चरण के तहत होने वाले लोकसभा चुनाव में राजनीति में पदार्पण कर रहे ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी का सीधा मुकाबला लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के निवर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैसर से होगा।

बिहार में तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल 2019 को होने वाले आम चुनाव में खगड़िया संसदीय सीट महत्वपूर्ण मानी जा रही है। महागठबंधन की ओर से देवदास, बजरंगी भाईजान और कलंक जैसी फिल्मों के सेट बना चुके श्री सहनी लोकसभा की चुनावी रणभूमि में पहली बार कदम रख रहे हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक लोजपा ने एक बार फिर निवर्तमान सासंद चौधरी महबूब अली कैसर पर भरोसा जताते हुये उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। श्री सहनी की पार्टी वीआईपी बिहार में 21 लाख की आबादी वाले निषाद (मल्लाह) समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रही है।

बिहार के पूर्व मंत्री चौधरी सलाउद्दीन के पुत्र महबूब अली कैसर 2014 के आम चुनाव से ठीक पहले लोजपा में शामिल हुए थे क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने से इंकार कर दिया था। वह लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी हुये। इस चुनाव में श्री कैसर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूर्व बाहुबली विधायक रणवीर यादव की पत्नी राजद की कृष्णा कुमारी यादव को 76 हजार 03 मतों के अंतर से पराजित किया। उस समय जदयू ,राजग में शामिल नहीं था। जदयू ने इस सीट से दिनेश चंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया था और वह तीसरे स्थान पर रहे।

इस बार के चुनाव में दिनेश चंद्र यादव और कृष्णा यादव खगड़िया के राजनीतिक परिदृश्य से ओझल हैं। दिनेश चन्द्र यादव मधेपुरा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, महागठबंधन में तालमेल के तहत खगड़िया सीट वीआईपी के खाते में चले जाने से राजद की कृष्णा यादव को टिकट नहीं मिला है। वर्ष 2009 के आम चुनाव में जदयू की टिकट पर खगड़िया संसदीय सीट से दिनेश चन्द्र यादव प्रत्याशी बनाये गये थे वहीं चौधरी महबूब अली कैसर कांग्रेस के उम्मीदवार थे। इस चुनाव में श्री यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के रवीन्द्र कुमार राणा को पराजित किया था वहीं श्री कैसर तीसरे स्थान पर रहे थे।

वर्ष 1957 में खगड़िया सीट पर पहली बार आम चुनाव में कांग्रेस के जियालाल मंडल ने परचम लहराया। वर्ष 1962 के चुनाव में भी जियालाल मंडल अपना सिक्का जमाने में दुबारा कामयाब रहे। वर्ष 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) के उम्मीदवार कामेश्वर सिंह ने जीत का स्वाद चखा। वर्ष 1971 के चुनाव में एसएसपी के ही शिवशंकर यादव विजयी हुए थे। वर्ष 1977 की जनता पार्टी लहर में भारतीय लोक दल (बीएलडी) के टिकट से ज्ञानेश्वर यादव विजयी बने। तीन साल बाद 1980 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस (आई) के सतीश प्रसाद सिंह ने जीत हासिल की। वर्ष 1984 के चुनाव में कांग्रेस के चंद्रशेखर प्रसाद वर्मा निर्वाचित हुये। वर्ष 1989 और 1991 में जनता दल के रामशरण यादव जीते जबकि 1996 में जनता दल के अनिल कुमार यादव के विजय का मार्ग प्रशस्त हुआ। 1998 में समता पार्टी से शकुनी चौधरी ने विजयी झंडा लहराया। इसके एक साल बाद 1999 के उपचुनाव में जदयू की रेणु कुमारी की जीत हुई थी। जबकि 2004 में राजद के रवीन्द्र कुमार राणा, 2009 में जदयू से दिनेश चन्द्र यादव, 2014 में लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर की जीत हुई।

खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के तहत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें चार विधानसभा क्षेत्र खगड़िया जिले के खगड़िया, परबत्ता, अलौली और बेलदौर हैं जबकि पांचवां सहरसा का सिमरी बख्तियारपुर एवं छठा विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर जिले का हसनपुर है। इन छह विधानसभा सीटों में से पांच पर जदयू जबकि एक पर राजद का कब्जा है। इनमें सिमरी बख्तियापुर से दिनेश चंद्र यादव (जदयू), हसनपुर से राजकुमार राय (जदयू), खगड़िया से पूनम देवी यादव (जदयू), अलौली (सु) से चंदन कुमार (राजद), परबत्ता से रामानंद प्रसाद सिंह (जदयू) और बेलदौर से पन्ना लाल सिंह पटेल (जदयू) के विधायक हैं।

सतरहवें आम चुनाव (2019) में मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से कुल 20 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें लोजपा, वीआईपी के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), शिवसेना और आठ निर्दलीय समेत 20 उम्मीदवार शामिल हैं। खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख 53 हजार मतदाता हैं। इनमें करीब आठ लाख 73 हजार पुरुष और सात लाख 80 हजार महिला मतदाता हैं। श्री कैसर और श्री सहनी के बीच होने वाली महाजंग में खगड़िया सीट का ‘वीआईपी’ कौन होगा, इसकी उत्सुकता सबको है।

प्रेम सूरज

वार्ता

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