नयी दिल्ली, 17 फरवरी (वार्ता) सरकार गांव स्तर पर भी मिट्टी की जांच करने के लिए कृषि उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है और अब तक गांवों में 1562 जांच प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है।
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 से 2017 तक चलने वाले पहले चरण में किसानों को 1,10.74 करोड़ और 2017-19 के दूसरे चरण में 11.69 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए गए। अब तक 429 नई स्थायी मृदा जांच प्रयोगशालाएं, 102 नई सचल मृदा जांच प्रयोगशालाएं और 8,752 लघु जांच प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं।
गांव स्तर पर भी मिट्टी की जांच करने के लिए कृषि उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक इस संबंध में गांवों में 1562 जांच प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है और मौजूदा 800 प्रयोगशालाओं को उन्नत किया गया है। इस तरह पांच वर्ष की अवधि के दौरान मिट्टी की जांच करने की क्षमता बढ़ गई है। इस दौरान एक वर्ष में 3.33 करोड़ नमूनों की जांच की गई, जबकि पहले 1.78 करोड़ नमूनों की जांच ही हो पाती थी।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड में छह फसलों के लिए दो तरह के उर्वरकों की सिफारिश की गई है, इसमें जैविक खाद भी शामिल है। अतिरिक्त फसल के लिए भी किसान सुझाव मांग सकते हैं। एसएचसी पोर्टल से किसान अपना कार्ड प्रिंट करवा सकते हैं। इस पोर्टल पर 21 भाषाओं में खेती के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध है।
अब तक राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों में 6,954 गांवों की पहचान की है। इन गांवों से 26.83 लाख नमूने जमा करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिनमें से 20.18 लाख नमूने जमा किए गए, 14.65 लाख नमूनों का मूल्यांकन किया गया और 13.54 लाख कार्ड किसानों को दिए गए। इसके अलावा राज्यों के लिए 24,6,968 मृदा जांच प्रदर्शनियां और 6,991 किसान मेले मंजूर किए गए हैं ।
अरुण.श्रवण
वार्ता