नयी दिल्ली, 09 जुलाई (वार्ता) भारतीय गोल्फ के दिग्गज खिलाड़ी जीव मिल्खा सिंह ने खिलाड़ियों को जीवन में आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करने और जीवन में कभी निराश हुए बिना आगे बढ़ते रहने के लिये प्रेरित किया है।
इस कड़ी में उन्होंने अपने अनुभव को भी साझा किया कि कैसे उन्होंने जीवन के कठिन दिनों से उबरना सीखा। उन्होंने कहा, “खराब दौर में संभलना हर पेशेवर एथलीट के करियर का हिस्सा है। ऐसे चरणों के दौरान तीन चीजों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण हैं।”
मिल्खा ने कहा, “सबसे पहले खुद पर भरोसा रखें। दूसरे, अपने लिये उच्च मानक निर्धारित करें ताकि आप खुद को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास करते रहे और तीसरी चीज इन दोनों को पूरा करने के लिये आपको हमेशा सकारात्मक बने रहते हुए अपने लक्ष्य की दिशा में कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि खराब दौर में आपका शरीर आपके दिमाग पर हावी हो जाता है लेकिन होना उल्टा चाहिए, आपके दिमाग को शरीर के लिये निर्देश तैयार करना चाहिए।
48 वर्षीय मिल्खा दो बार के एशियन टूर ऑर्डर ऑफ मेरिट चैंपियन हैं और भारत के सबसे सफल पेशेवर गोल्फर के रूप में जाने जाते हैं। वह सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय खिताब (13) जीतने के अलावा इस खेल में किसी भी किसी भारतीय द्वारा सर्वोच्च विश्व रैंकिंग ( 28) हासिल करने वाले खिलाड़ी है। मिल्खा सिंह ने तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर यूरोपीय टूर, जापान गोल्फ टूर और एशियाई टूर पर चार या उससे अधिक जीत हासिल की है।
उन्होंने कहा, “दिमाग सबसे ताकतवर मांसपेशी है और आपको ज्यादातर समय इसका इस्तेमाल करना होता है। अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ हैं तो आपके लिये सब अच्छा है। ” उन्होंने कहा, “जब मैंने खेल की शुरुआत की थी तो मानसिक प्रशिक्षण इसका अहम हिस्सा नहीं था। केवल कुछ लोग इस बारे में जानते थे। लेकिन मैं उन चुनिंदा लोगों में से था जिन्होंने इस पर कड़ी मेहनत की। यहां तक कि आज भी मैं मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलूओं पर ध्यान देता हूं चाहे वो योगा हो या मेडिटेशन। दिमाग को सही दिशा में केंद्रित करने की जरूरत है ताकि मन-मस्तिष्क में सुविचार आएं।”
जीव मिल्खा ने कहा, “वर्तमान समय में जब हम महामारी के कारण काफी अनिश्चितताओं से गुजर रहे हैं तो ऐसे में अच्छे मानसिक स्वास्थ बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।”
मिल्खा सिंह ने प्रतिदिन आधे घंटे योग और मेडिटेशन करने को सुझाते हुए कहा कि इससे ऐसे कठिन समय में भी एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “मैंने अमेरिकी गोल्फर फ्रेड कपल्स को खेलता देखा। जिस तरह दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी फ्रेड अपने स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं उसके प्रति मेरे मन में काफी इज्जत है। वह अपनी टी-शर्ट के ऊपर तक बटन लगाते थे। मुझे वह स्टाइल बहुत पसंद आया।”
उन्होंने कहा, “फ्रेड से प्रेरणा लेते हुए मैंने भी यूरोप, जापान और कोरिया जैसी ठंडी जगहों पर बटन बंद करना शुरू कर दिया। मैं गर्म स्थानों पर खेलते हुए प्राय: ऐसा नहीं करता हूं।”
शुभम राज
वार्ता