जयपुर 24 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान में जयपुर ग्रामीण संसदीय सीट पर खेल जगत के दो सितारों के बीच चुनावी मुकाबला रोचक बनता जा रहा है।
जयपुर ग्रामीण से निशानेबाजी में पदक विजेता एवं केन्द्रीय खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भाजपा प्रत्याशी के रुप में दूसरी बार चुनाव मैदान में है वहीं उनके सामने राष्ट्रमंडल खेलों में चक्का फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाली एथलीट कृष्णा पूनियां कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही है। खेल जगत में देश का नाम रोशन करने के बाद अब राजनीति में नाम रोशन करने के लिए उतरे दोनों खिलाड़ियों का लोकसभा चुनाव में सीधा मुकाबला होता नजर आ रहा है हालांकि दोनों ही राजनीति में नये नहीं है।
ओलंपिक खेलों में डबल ट्रैप शूटिंग में रजत पदक विजेता श्री राठौड़ ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा़ सी पी जोशी को हराकर चुनाव जीता और केन्द्र की मोदी सरकार में मंत्री बनाये जाने से उनके राजनीतिक रुतबे में बढ़ोत्तरी हुई। वह पांच साल में क्षेत्र से लगातार जुड़े रहे हैं। क्षेत्र के प्रति लगाव रखने के कारण लोगों में उनके प्रति पांच साल दूर रहने की कोई शिकायत नहीं है। इसका उन्हें फायदा मिलने की संभावना है।
कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा पूनियां भले ही लोकसभा चुनाव पहली बार लड़ रही हो लेकिन वह राजनीति में एकदम नया चेहरा नहीं हैं। वह चुरु जिले की सादुलपुर से कांग्रेस विधायक हैं और इससे पहले विधायक का चुनाव लड़ चुकी है। हालांकि जयपुर ग्रामीण उनके लिए नया क्षेत्र है जहां वह केन्द्रीय मंत्री से मुकाबला कर रही है जो उनके लिए कड़ी चुनौती है।
कांग्रेस ने खिलाड़ी के सामने खिलाड़ी को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया हैं । राज्य में कांग्रेस की सरकार है और वह इस पार्टी की विधायक हैं । उन्हें चुनाव में जातिगत समीकरण का फायदा भी मिल सकता है। जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में झोंटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक लाल चंद कटारिया कृषि मंत्री हैं और उनकी अपने क्षेत्र के अलावा आमरे तथा अन्य क्षेत्रों में अच्छी पकड़ बताई जा रही है। श्रीमती पूनियां जातिगत आधार पर जाट और यादवों के साथ अन्य वर्ग के लोगों का चुनाव में सहारा मिलने की उम्मीद कर रही है। जयपुर ग्रामीण में आने वाली आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है । शाहपुरा से पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के पुत्र बेटा आलोक बेनीवाल निर्दलीय विधायक चुने गये हैं, वह भी कांग्रेस को अपना समर्थन कर चुके हैं। सिर्फ दाे विधानसभा सीटें भाजपा के कब्जे में है। अलवर जिले की बानसूर विधानसभा भी जयपुर ग्रामीण में आती हैं और वहां कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शंकुतला रावत विधायक है और उनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है, ऐसे में श्रीमती पूनियां श्री राठौड़ के दूसरी बार लोकसभा पहुंचने में रोड़ा बन सकती है। जयपुर ग्रामीण में गुर्जर, ब्राह्मण, अनुसूचित जाति के मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहते है।
श्री राठौड़ भारत द्वारा अंतरिक्ष में किए गए मिशन, आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक तथा केंद्र सरकार की उपलब्धियों एवं कामों को गिना रहे हैं। उनका कहना है कि पिछला चुनाव जीतकर वह अपने क्षेत्र की जनता से हमेशा जुड़े रहे है। उन्होंने अपने क्षेत्र के वार्ड से लेकर पंचायत स्तर तक कई विकास कार्य कराए हैं। इसके साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम है। इस कारण वह दूसरी बार भी लोकसभा पहुंचेंगे। दूसरी ओर श्रीमती पूनिया किसानों की दुर्दशा, बेरोजगारी, विचारधारा एवं लोकतंत्र को बचाए रखने के मुद्दे उठाकर लोगों को ‘न्याय’ दिलाने की बात कर रही हैं। कांग्रेस प्रत्याशी का चुनाव को चुनौती मानते हुए कहना है कि वह किसान की बेटी होने के कारण गांव-देहात की परेशानियां जानती हैं और वह मेहनत में कोई कमी नहीं छोडेगी। चुनाव में लड़ाई दो विचारधाराओं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। पिछले पांच वर्षों में जनता से कई झूठ बोले गए हैं और जुमलेबाजी की गई है।
क्षेत्र में अभी दोनों राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और कुछ नेता ही चुनाव प्रचार में जुटे हैं और बड़े नेताओं की चुनाव सभाएं नहीं हुई हैं। मतदान में दस-ग्यारह दिन शेष बचे हैं और चुनाव प्रचार भी धीरे धीरे जोर पकड़ने लगा हैं और दोनों ही प्रत्याशियों के खिलाड़ी रहने के कारण मुकाबला रोचक बनता जा रहा है।
राज्य में 2008 में परिसीमन के बाद बनी जयपुर ग्रामीण संसदीय सीट पर अब तक दो लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। उनमें पहला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लाल चंद कटारिया ने जीता जबकि दूसरा चुनाव श्री राठौड़ ने जीता। जयपुर ग्रामीण में इस बार भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के अलावा बहुजन समाज पार्टी के वीरेन्द्र सिंह विधूड़ी, एपीओआई एवं बीआरकेपी (डी) प्रत्याशी एवं निर्दलीयों सहित कुल आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे है जहां 19 लाख 33 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
जोरा जय
वार्ता