राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 7 2020 7:48PM दलित नरसंहार का इतिहास पढ़े प्रियंका: डॉ. निर्मल
लखनऊ 07 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार बढ़ने के कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बयान पर पलटवार करते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि सरकार पर आरोप लगाने से पहले कांग्रेस महासचिव को दलित नरसंहार का इतिहास पढ़ना चाहिये।
डा निर्मल ने मंगलवार को जारी बयान में कहा “ प्रियंका भी राहुल गांधी की तरह ही बिना सबूत और आंकड़े के बात करने लगी हैं। उनको दलित नरसंहार की तारीखें और वर्ष याद नहीं हैं। उन्हें यह भी शायद याद नहीं हैं कि उन तारीखों में किसके समर्थन से किसकी सरकार थी और सरकार ने क्या कार्रवाई की।”
उन्होने कहा कि अच्छा होता कि कोई बयान देने से पहले प्रियंका कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित सरकारों के दौरान दलित नरसंहार के आंकड़े जुटाती। उनको जब कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है, तो वह दलितों की बात कर रही हैं। प्रियंका को कांग्रेस की सरकारों में दलित अत्याचार और नरसंहार का आंकड़ा लेकर बात करना चाहिए। यदि वह इस तरह की बे-बुनियाद बयानबाजी करेंगी, तो जनता उन्हें खुद ही आंकड़ा बता देगी।
डॉ. निर्मल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दलित मित्र हैं। आज दलितों को आवास मिल रहे हैं। रोजगार मिल रहे हैं। दलितों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न में कमी आई है। दलितों पर जुल्म करने वालों पर आजमगढ़ और जौनपुर जैसी सख्त कार्रवाई हो रही है। रासुका भी तामील करवाया जा रहा है।
उन्होने कहा कि कांग्रेस ने तो डॉ. आंबेडकर को भारत रत्न तक नहीं दिया। आज उत्तर प्रदेश के सभी कार्यालयों में आंबेडकर की तस्वीर लगी हुई है, जो कांग्रेस आंबेडकर से इतना नफरत करती है कि उनको भारत रत्न नहीं देती, वह राजनीतिक दल सत्ता से बाहर होने पर दलित हित की बात कर रही है। गैर भाजपाई सरकारों में बेल्छी नरसंहार जो 1977 में पटना जिले में हुआ और 14 लोगों की हत्या कर दी गई थी। औरंगाबाद के मियांपुर नरसंहार में वर्ष 2000 में 35 लोगों की हत्या कर दी गई थी। लक्ष्मणपुर बाधेपुर नरसंहार में 85 लोगों की हत्या कर दी गई थी। सेनारी नरसंहार जो वर्ष 1999 में शंकरबीघा गांव में हुआ था। कांग्रेस को इसे भी देखना चाहिए।
प्रदीप
वार्ता