भारतPosted at: Jul 23 2019 11:15PM दलित मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का घेराव
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (वार्ता) ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने दलित मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद रियाजुद्दीन ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त 1950 को संविधान के अनुच्छेद 341 में प्रदत्त अधिकारों के तहत ‘राष्ट्रपति आदेश’ जारी करके दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति आरक्षण से बाहर कर दिया गया था और ऐसा आभास होता है कि ऐसा 23 दिसम्बर 1949 को अयोध्या में रामलला के दर्शन पर लगायी गयी रोक के परिणामस्वरूप किया गया था।
मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर की ओर से यहां जारी बयान में कहा गया है कि मोर्चा ने शीर्ष अदालत से अपील की कि वह जिस प्रकार अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में पहल कर रही है, वैसे ही उसे दलित मुस्लिम आरक्षण पर भी पहल करनी चाहिए, क्योंकि यह गरीब मुसलमानों की जनभावनाओं से जुड़ा हुआ है।
बयान के अनुसार, यदि ‘राष्ट्रपति आदेश 1950’ के पीड़ित दलित मुसलमानों को आरक्षण नहीं मिलता तो यह शोषित वर्ग के मुसलमानों के साथ घोर नाइंसाफी होगी।
सुरेश आशा
वार्ता