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फिल्म के जरिये अब विवादित स्थल से जुड़े तथ्यों से पर्दा उठायेंगे रिजवी

फिल्म के जरिये अब विवादित स्थल से जुड़े तथ्यों से पर्दा उठायेंगे रिजवी

लखनऊ 19 नवम्बर (वार्ता) अयोध्या में विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर की पैरवी कर सुर्खियां बटोरने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की दिसम्बर में रिलीज होने वाली फीचर फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ इस संवेदनशील मसले को हवा दे सकती है।

फिल्म के लेखक और निर्माता वसीम रिजवी ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में फिल्म के ट्रेलर की लांचिग की। इस मौके पर श्री रिजवी ने दावा किया कि उनकी यह फिल्म विवादित स्थल से जुड़े तथ्यों की तस्वीर साफ करेगी कि कुछ गुमराह बाबर के पैरोकार मीर बाकी के उस विवादित ढांचे को लेकर देश का माहौल खराब कर रहे हैं और उनकी इन हरकतों की वजह से हिन्दू और मुसलमानों के बीच में तासुब बढ़ रहा है।

उन्होने कहा कि फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी टीम को अयोध्या समेत कुछ अन्य स्थानाे पर विरोध का सामना करना पड़ा। टीम ने बेहद गुपचुप तरीके से फिल्म की शूटिंग पूरी की। उन्हे डर था कि यदि उनके पाक मंसूबों के बारे में कट्टरपंथियों को पता चल गया तो फिल्म के साथ साथ उनकी निजी जिंदगी भी खतरे में पड़ सकती है। फिल्म की रिलीज दिसम्बर के आखिरी सप्ताह में देश भर के सिनेमाघरों में होगी।

रिजवी ने बताया कि सिने क्राफ्ट बैनर तले निर्मित और मनोज मिश्रा के निर्देशित फिल्म राममंदिर निर्माण से जुड़ी राजनीति के अलावा मुस्लिम समुदाय में हलाला जैसी कुप्रथा के अंधेरेपन को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करेगी। फिल्म के जरिये सवाल उठाया गया है कि राममंदिर कब तक एक मुद्दा बना रहेगा। आधुनिक समाज में रूढिवादी हलाला प्रथा से मिली प्रताड़ना कब तक सहन की जायेगी।

निर्देशक मनोज मिश्रा ने बताया कि फिल्म रामजन्मभूमि दिखाती है कि किस तरह देश के बाहर से दुश्मन बाबरी मस्जिद के नाम पर दंगे करवाते हैं। फिल्म 30 अक्टूबर और दो नवम्बर 1990 से घटित घटना से शुरू होती है जिसमें निहत्थे कारसेवकों पर गोलियां बरसायी जाती हैं। उन्होने साफ किया कि फिल्म में किसी समुदाय विशेष को निशाना नहीं बनाया गया है।

प्रदीप

वार्ता

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