कोलकाता 03 जून (वार्ता) पश्चिम बंगाल में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। राज्य एक दिन में इस वायरस से संक्रमित 396 नए मामले सामने आये और इसके संक्रमण से दस लोगों की मौत हुई है।
राज्य में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित के औसतन 300 मामले प्रतिदिन सामने आ रहे है। प्रदेश में एक जून को कोरोना के 271 मामले सामने आये थे। इससे पहले 26 मई को 193, 27 मई को 183, 28 मई को 344, 29 मई को 277, 30 मई को 317 और 31 मई को 371 मामले सामने आए थे।
राज्य में मंगलवार को एक दिन में अब तक के सबसे अधिक 396 मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6168 हो गई तथा 10 और लोगों की मौत होने से मृतकों को आंकड़ा बढ़कर 263 पहुंच गया।
राज्य में कोरोना सक्रिय मामलों की संख्या 3423 है। कल 104 मरीजों के ठीक हाने पर उन्हें विभिन्न अस्पतालाें से छुट्टी मिल गयी। इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर अब 2410 हो गई। कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 39.04 प्रतिशत है। मंगलवार को प्रदेश में 9495 लोगों का कोरोना परीक्षण किया गया। अब तक राज्य में 222726 लोगों का परीक्षण किया जा चुका है और प्रदेश में परीक्षण दर 2.77 प्रतिशत है।
राज्य में परीक्षण कर रही प्रयोगशालाओं की संख्या 41 है। प्रदेश भर में 69 कोविड-19 अस्पतालों में 8785 बेड का इंतजाम किया गया है।
इस बीच, दो महीने के बाद कलिम्पोंग की दो महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पायी गई है। उन्हें सिलीगुड़ी कोविड-19 अस्पताल भेजा गया है। इनमें से एक महिला का यात्रा इतिहास रहा वह हाल ही में दिल्ली से यहां आयी है। लेकिन कलिम्पोंग के जिलाधिकारी के अनुसार दूसरी महिला का कोई यात्रा इतिहास नहीं है। दोनों महिलाएं वृद्ध है।
पिछले कुछ दिनों में पूर्व और पश्चिम मिदनापुर जिलों में प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद 18 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से पश्चिम मिदनापुर में 12, पूर्वी मिदनापुर में छह मामले है। पूर्वी मिदनापुर के मेचोग्राम के बरोमा कोरोना अस्पताल में 65 मरीजों का इलाज चल रहा है।
पूर्वी मिदनापुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नितई चंद्र मंडल ने कहा कि कोरोना के छह नए मरीज जिले के मोयना, महिसादल और हल्दिया ब्लॉक के रहने वाले हैं।
पश्चिम मिदनापुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गिरीश चंद्र बेरा ने कहा कि जिले के बारह नए मामले घाटाल, खड़गपुर और सालबोनी ब्लॉक के हैं। इनमें अधिकतर मामले प्रवासी श्रमिकों के हैं।
राम उप्रेती
वार्ता