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बारामूला लोकसभा सीट पर सज्जाद को समर्थन करेगी अपनी पार्टी: बुखारी

बारामूला लोकसभा सीट पर सज्जाद को समर्थन करेगी अपनी पार्टी: बुखारी

श्रीनगर, 22 अप्रैल (वार्ता) अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली अपनी पार्टी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में बारामूला संसदीय सीट से पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की।

श्री लोन ने शनिवार को श्री बुखारी से समर्थन देने और बारामूला लोकसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराने का आग्रह किया है। श्री लोन नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के खिलाफ बारामूला संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री बुखारी ने सोमवार को श्रीनगर में पीसी अध्यक्ष लोन को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की।

श्री बुखारी ने कहा,“अपनी पार्टी ने श्री सज्जाद लोन का समर्थन करने का फैसला किया है जो नई राजनीति पेश कर रहे हैं और मैं लोगों से संसदीय चुनाव के दौरान अपनी पार्टी और गठबंधन सहयोगियों से उन्हें वोट देने का आग्रह करता हूं।”

गौरतलब है कि 18 विधानसभा क्षेत्रों में फैली बारामूला लोकसभा सीट उत्सुकता से देखे जाने वाले मुकाबलों में से एक होगी, क्योंकि परिसीमन के बाद निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी गतिशीलता बदल गई है।

उन्होंने कहा, “मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि कश्मीर घाटी में पारंपरिक और भावनात्मक राजनीति को बदलने की जरूरत है। मेरा मानना है कि पांच अगस्त, 2019 को जो हुआ उसके लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं। अगर हम पिछले 70 वर्षों की घुमंतू राजनीति को भूल जाएं, लेकिन प्रदेश में राजनीतिक नेताओं की भूमिका में पिछले पांच वर्षों में जो बदलाव हुआ उसे कोई नहीं भूल सकता।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिससे हमारे युवाओं की नौकरियां सीधे प्रभावित हुईं, क्योंकि इन्हें भारत के अन्य उम्मीदवारों के साथ साझा करना है। भूमि विवाद है, क्योंकि पहले कोई भी बाहरी व्यक्ति यहां जमीन नहीं खरीद सकता था। सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पहचान को एकीकृत करना है। उन्होंने कहा,“मैं दिन के उजाले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिला और लोगों से वोट मांगे बिना नौकरियों और जमीन की सुरक्षा लाया। हम सत्ता के भूखे नहीं हैं, लेकिन पारंपरिक राजनेताओं ने इन पांच वर्षों के दौरान भी लोगों के साथ अपमानजनक भूमिका निभाई।”

उन्होंने कहा कि इन पांच वर्षों के दौरान लोगों ने नेकां के तीन सदस्यों को संसद में भेजा है, लेकिन पांच अगस्त, 2019 को जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया तो जम्मू-कश्मीर से पांच सदस्य, नेकां के तीन और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दोथे, किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने कहा,“अगर वे उस समय इस्तीफा दे देते तो शायद अपनी पार्टी बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। अगर वे इस्तीफा दे देते, तो दुनिया को यह संदेश दिया जा सकता था कि भारतीय संसद में जम्मू-कश्मीर के सदस्य विशेष दर्जा हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं।”

श्री बुखारी ने कहा,“मेरा सुझाव है कि पारंपरिक राजनीतिक नेता सेवानिवृत्त हो जाएं और लोगों को शांति से रहने दें।” उन्होंने अपील की,“युवाओं के दिमाग में यह मत डालें कि हमें 100 साल तक युद्ध लड़ना है। लोगों को युद्ध लड़ने की जरूरत नहीं है...भारत के साथ रहना हमारी नियति 1947 में तय हो चुकी है। मैं बार-बार कहूंगा कि दिल्ली ने हमें चोट पहुंचाई है और वे इलाज भी करेंगे और जो इलाज हमें न तो ब्रिटेन में मिलेगा और न ही अमेरिका या पाकिस्तान में मिलेगा।”

संतोष.संजय

वार्ता

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