भारतPosted at: Jan 26 2020 9:17PM ब्रू-रियांग शरणार्थी संकट का समाधान ऐतिहासिक घटना : मोदी
नयी दिल्ली, 26 जनवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रू शरणार्थियों की समस्या के समाधान के लिए त्रिपुरा तथा मेघालय की जनता और सरकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके सहयोग से इस समुदाय के 34 हजार से अधिक लोगों को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला है।
श्री मोदी ने रविवार को रेडिया पर प्रसारित अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि करीब एक पखवाडे पहले देश की जनता जब अपने त्योहारों की धूम में व्यस्त थी तो उसी दौरान यहां एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है जिससे करीब 25 वर्ष पुराने ब्रू-रियांग शरणार्थी संकट के एक दर्दनाक अध्याय का अंत हुआ है।
उन्होंने कहा “यह ऐतिहासिक समझौता था और त्योहारों में व्यस्तता के कारण देश के कई लोग शायद इस ऐतिहासिक समझौते के बारे में विस्तार से नहीं जान सके इसलिए मुझे लगा कि इसके बारे में ‘मन की बात’ में आप से अवश्य चर्चा करूँ।”
प्रधानमंत्री ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देेते हुए बताया “यह समस्या 1990 के दशक की है। वर्ष 1997 में जातीय तनाव के कारण ब्रू रियांग जनजाति के लोगों को मिज़ोरम से निकल करके त्रिपुरा में शरण लेनी पड़ी थी। इन शरणार्थियों को उत्तर त्रिपुरा के कंचनपुर स्थित अस्थाई शिविरों में रखा गया। यह बहुत पीड़ा दायक है कि इस समुदाय के लोगों ने शरणार्थी के रूप में अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खो दिया। उनके लिए शिविरों में जीवन काटने का मतलब था- हर बुनियादी सुविधा से वंचित होना।
अभिनव जितेन्द्र
जारी वार्ता