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भाजपा को खुश करने के लिए सीएए पर टाल-मटोल नहीं कर सकते राहुल: विजयन

कन्नूर 23 अप्रैल (वार्ता) केरल के मुख्यमंत्री एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो सदस्य पिनाराई विजयन ने मंगलवार को अपने इंडिया समूह सहयोगी एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी को खुश करने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर टाल-मटोल नहीं कर सकते।
श्री विजयन ने पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण रखने और हाल ही में एक चुनावी रैली में कथित ‘नफरत फैलाने वाले भाषण’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए चुनाव आयोग की भी कड़ी आलोचना की।
वामपंथी नेता ने मंगलवार को कन्नूर प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलें’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,“राहुल गांधी को देश की राजनीति के बारे में बात करनी चाहिए। राहुल ने भाजपा को खुश करने के लिए सीएए के खिलाफ नहीं बोला।” उन्होंने विश्वास जताया कि माकपा के नेतृत्व वाला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) अपने राज्य से लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य भर में वाम समर्थक लहर देखी जा रही है जैसा कि उन्होंने सभी 20 संसदीय सीटों पर प्रचार के बाद देखा है।
श्री विजयन ने कहा कि देश को एक बड़े आसन्न खतरे से बचाने के लिए 2024 का आम चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा और साथ ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को पिछले 10 वर्षों में जन विरोधी और सांप्रदायिक एजेंडा लागू करने के लिए दंडित करने का अवसर भी देगा।
उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सत्ता में रहते हुए संविधान के सभी मूल मूल्य खतरे में हैं, इसलिए लोगों को समझदारी से सोचना चाहिए और धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की सरकार के पक्ष में मतदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में राजग सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर साफ दिखाई दे रही है।”
उन्होंने कहा,“भाजपा का केरल विरोधी दृष्टिकोण है क्योंकि केरलवासी उन्हें स्वीकार नहीं करते हैं। उन्होंने उन्हें अतीत या वर्तमान में स्वीकार नहीं किया है और भविष्य में भी नहीं करेंगे क्योंकि केरल अपनी धर्मनिरपेक्ष सोच की रक्षा करेगा।”
किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में त्रिकोणीय लड़ाई के सभी दावों को खारिज करते हुए श्री विजयन ने कहा कि राजग उम्मीदवार केरल के सभी 20 लोकसभा क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर आएंगे।
दक्षिणपंथी दलों के साथ ही वामपंथी गठबंधन सहयोगियों पर भी कड़ा प्रहार करते हुए श्री विजयन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंडा सीएए को लागू करना है लेकिन यूडीएफ के सभी 18 सांसदों ने एक बार भी देश के हित में अपनी आवाज नहीं उठाई।
श्री विजयन ने कहा, “यूडीएफ सांसदों (जिसमें वायनाड से सांसद राहुल गांधी भी शामिल हैं) ने केंद्र सरकार का बचाव किया और संसद में केरल की आवाज उठाने में विफल रहे।
अल्पसंख्यकों के मुद्दों की सुरक्षा न केवल अल्पसंख्यकों की समस्या है, बल्कि यह राष्ट्र के हित में भी है।”
उन्होंने कहा, “भाजपा राजग सरकार की कमियों को समझती है, यही कारण है कि वोट हासिल करने के लिए नरेंद्र मोदी खुद सांप्रदायिक कार्ड खेलने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) यूडीएफ की गलत नीति का पालन करते हुए देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर सवाल उठाने के अपने रुख का खुलासा करने में विफल रही है।
एक सवाल के जवाब में श्री विजयन ने कहा कि चुनाव आयोग राजस्थान में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अवैध नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं करके गैर-पक्षपातपूर्ण तरीके से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के खिलाफ भी मौन रुख अपना रहा है।
श्री विजयन ने कहा कि इंडिया समूह के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का अभी तक चयन नहीं किया गया है और चुनाव के बाद ही इस पर निर्णय होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है और वह इंडिया समूह को राज्यों में भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार को हराने का एक मंच मात्र मानते हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि 2019 के चुनाव में, यूडीएफ ने श्री गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था, लेकिन इस बार वह अभियान केरल में नहीं देखा गया।
श्री विजयन ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जिसमें दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव के बाद केरल में कुछ कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल होंगे, कहा, “यह एक गंभीर राय है।”
श्री विजयन ने याद दिलाया कि श्री शर्मा भी एक पुराने कांग्रेसी नेता हैं जो भाजपा के मुख्यमंत्री बने हैं, इसलिए उनकी टिप्पणियों को ‘कांग्रेस पार्टी की संस्कृति के अनुसार माना जाएगा जहां नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं, जब भी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ जांच शुरू की जाती है।
संजय, यामिनी
वार्ता
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