राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 17 2022 9:06PM भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही : सुशील
पटना 17 मई (वार्ता) बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही इसलिए इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से दो बार पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव में वह भी शामिल रही।
श्री मोदी ने मंगलवार को ट्वीट किया कि भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही, इसलिए इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से दो बार पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव में भाजपा भी शामिल रही। उन्होंने कहा कि जब इस मांग को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया तब उसमें बिहार से वरिष्ठ मंत्री जनक राम और झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी शामिल हुए। केंद्र सरकार ने सबकी राय पर सम्मानपूर्वक विचार करने के बाद व्यावहारिक कारणों से जातीय जनगणना कराने में असमर्थता प्रकट की है।
भाजपा सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना कराने पर देश में वर्षों से शीर्ष स्तर पर चिंतन-मनन जारी है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान वर्ष 2010 में जब इस विषय पर लोकसभा में चर्चा हुई थी तब भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर भाजपा का अभिमत संसद और विधानमंडल की कार्यवाही के रिकॉर्ड पर है।
श्री मोदी ने कहा कि तेलंगाना ने वर्ष 2014 और कर्नाटक ने 2015 में जातीय जनगणना कराई थी, जिसका भाजपा ने कभी विरोध नहीं किया। जब उड़ीसा विधानसभा ने जातीय जनगणना कराने के पक्ष में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया तब वहां भी भाजपा ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के रुख में प्रामाणिक निरंतरता के बावजूद यदि कोई हमें जातीय जनगणना का विरोधी बताता है तो यह थेथरोलाजी दुर्भाग्यपूर्ण है।
सूरज शिवा
वार्ता