नयी दिल्ली, 28 जनवरी (वार्ता) अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कोर्पोरेशन का अधिग्रहण करने वाली कंपनियों से 7,844 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निधि की मांग वाली केंद्र की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में बुधवार तक के लिए सुनवाई टल गयी।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल न्यायमूर्ति रवीन्द्र भट के मंगलवार को सुनवाई से अलग हट जाने के कारण सुनवाई कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। संविधान पीठ में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एम आर शाह शामिल हैं।
यह निधि 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए मांगी गई है।
न्यायमूर्ति भट ने सुनवाई से यह कहते हुए खुद को अलग करने की इच्छा जतायी कि केंद्र ने जब पुनर्विचार याचिका की मांग की थी तब उन्होंने भारत सरकार का पक्ष रखा था। इसके बाद न्यायमूर्ति मिश्रा ने सुनवाई बुधवार तक टालते हुए कहा कि मामले की सुनवाई के लिए पीठ के संबंध में फैसला मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे लेंगे। उन्होंने कहा, “हम आज इस पर सुनवाई नहीं करेंगे। हम मुख्य न्यायाधीश के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
वर्ष 1984 में दो-तीन दिसंबर की दरम्यानी रात यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से जहरीली गैस का रिसाव होने के बाद कंपनी ने 715 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था। इस गैस त्रासदी में 3,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 1.02 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। इस कंपनी का स्वामित्व अब डाउ केमिकल्स के पास है।
सुरेश सत्या
वार्ता