श्रीनगर, 29 मार्च (वार्ता) हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज उमर फारूक ने नजरबंद किये जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर सरकार से ‘नजरबंदी का चक्र’ नहीं अपनाने का आग्रह किया।
मीरवाइज ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता का भी आह्वान किया।
उन्होंने जामिया मस्जिद में शुक्रवार की सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अफसोस जताया कि रमजान के पवित्र महीने में भी उन्हें मस्जिदों में बेरोक-टोक प्रवेश की अनुमति नहीं है और बार-बार घर में नजरबंद कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि रमजान आध्यात्मिक महत्व का समय है, जब श्रद्धालु अपने विश्वास और अभ्यास को समृद्ध करने के लिए मार्गदर्शन और धार्मिक उपदेशों की प्रतीक्षा करते हैं।
उन्होंने कहा, “कल घोषित कार्यक्रम के अनुसार, मुझे आली मस्जिद में धार्मिक सभा को संबोधित करने की अनुमति नहीं दी गयी। इस तरह की कार्रवाइयां अभिव्यक्ति और धर्म की मौलिक स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाती हैं।”
हुर्रियत अध्यक्ष ने अधिकारियों से कहा कि वे अस्पष्ट नजरबंदी के इस चक्र को आगे बढ़ाने से बचें और उन्हें अपना धार्मिक कार्य जारी रखने की अनुमति दें।
मीरवाइज ने इस बात पर जोर दिया कि रमजान न केवल इबादत करने का बल्कि जकात और धर्मार्थ दान के माध्यम से समुदाय के जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता देने का भी आह्वान करता है।
यामिनी,आशा
वार्ता