भारतPosted at: Aug 17 2018 8:33PM मुल्लापेरियार में जलस्तर कम करने की संभावना तलाशने की सलाह
नयी दिल्ली, 17 अगस्त (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने केरल में बाढ़ की विभीषिका से निबटने के लिए केरल और तमिलनाडु सरकारों को बेघर लोगों के पुनर्वास और मुल्लापेरियार बांध में पानी का स्तर तीन फुट कम करने के निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति और इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से बनी उप समिति से कहा कि वह मुल्लापेरियार बांध में पानी का स्तर 142 फुट से घटाकर 139 फुट करने की संभावना तलाशें।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि वह इस तरह की गंभीर प्राकृतिक आपदा से निबटने में विशेषज्ञ नहीं है और आपदा पर काबू पाने का मामला कार्यपालिका पर छोड़ रही है।
शीर्ष अदालत ने केरल सरकार को आपदा प्रबंधन और पुनर्वास उपायों के बारे में उठाये गये कदमों पर एक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।
केरल में मॉनसून की विभीषिका के कारण अब तक 324 से अधिक व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, जबकि बारिश और बाढ़ से फसलों और अन्य संपत्तियों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है।
भारी बारिश के कारण विभिन्न नदियां उफान पर हैं और इसका असर लोगों के जनजीवन पर हो रहा है।
सुरेश जितेन्द्र
वार्ता