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महबूबा ने किया चुनाव घोषणापत्र जारी, जम्मू-कश्मीर को ‘खुली हवा का जेल’ कहा

महबूबा ने किया चुनाव घोषणापत्र जारी, जम्मू-कश्मीर को ‘खुली हवा का जेल’ कहा

श्रीनगर, 19 अप्रैल (वार्ता) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया।

पीडीपी के घोषणापत्र में वादा किया गया है कि पार्टी अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र सरकार के नापाक इरादों से लड़ने के लिए संसद में आवाज उठाएगी।

हालांकि, घोषणापत्र में स्वशासन फॉर्मूले की पार्टी की मांग का कोई उल्लेख नहीं है, जिसका उपयोग पीडीपी यह दावा करने के लिए करती रही है कि उसमें जम्मू-कश्मीर के मुद्दे का समाधान करने की क्षमता है।

श्रीनगर में सुश्री मुफ्ती द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र का शीर्षक ‘पहचान की रक्षा, भविष्य की रक्षा’ है, जिसमें कहा गया है कि 2019 में अनुच्छेद 370 का अवैध निरस्तीकरण के बाद, जम्मू-कश्मीर ‘खुली हवा वाला जेल’ में तब्दील हो गया है।

घोषणापत्र में कहा गया,“हमारी सामूहिक पहचान, भूमि, नौकरियों, संसाधनों पर एक अंतहीन प्रहार किया गया है और बोलने की स्वतंत्रता का उल्लंघन हुआ है। हमें अशक्त करने और बेदखल करने के लिए हजारों किलोमीटर दूर दिल्ली में रोजाना अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं। इस हमले के खिलाफ संसद में आवाज उठाने की सख्त आवश्यकता है।”

इसमें कहा गया, “राज्य के विषयों और भूमि कानूनों में भारी बदलाव के साथ शुरू होकर बाहरी लोगों को अनुबंध उपहार में देकर हमारे संसाधनों की आउटसोर्सिंग की जा रही है यहां तक कि विकास परियोजनाएं भी गैर-स्थानीय लोगों को सौंप दी जाती हैं। आजीविका के साथ-साथ पासपोर्ट का भी अपराधीकरण किया गया है। 2019 के बाद से सभी भर्ती योजनाओं पर संदिग्ध घोटालों का दाग है। इस प्रकार हमारे मेहनती उम्मीदवार नौकरी के अवसरों से वंचित हो रहे हैं, हजारों युवा विचाराधीन कैदियों के रूप में जम्मू-कश्मीर के अंदर और बाहर की जेलों में बंद हैं। उनमें से अधिकांश गरीब परिवारों से संबंधित हैं, जिनके परिवारों के पास देश में उनसे मिलने जाने का साधन भी नहीं हैं।”

घोषणापत्र में कहा गया,“उरी मुजफ्फराबाद और पुंछ, रावलकोट में व्यापार, जो हजारों परिवारों के लिए आय का एक स्थिर स्रोत था, मनमाने तरीके से बंद कर दिया गया है। पिछले पांच वर्षों से हमें यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि हमारा सामूहिक अशक्तिकरण हमारी नियति है। वे चुप्पी और हार की एक उदास भावना को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जहां चाह है, वहां राह है। हमारी आवाज इन नापाक इरादों से लड़ने का एकमात्र हथियार है। हमारी आवाज सुनी जाएगी।”

पीडीपी के घोषणापत्र में सड़क संपर्क, पेयजल एवं स्थिरता, महिलाओं सशक्तिकरण, युवा सशक्तिकरण, शिक्षा एवं समाज को सशक्त बनाने, कश्मीर को रोशन करने और अपशिष्ट प्रबंधन की बात भी की गई है।

अभय.संजय

वार्ता

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