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महबूबा सिर्फ सीट पाने की लालसा से इंडिया समूह में शामिल हुईं: उमर अब्दुल्ला

महबूबा सिर्फ सीट पाने की लालसा से इंडिया समूह में शामिल हुईं: उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर, 22 अप्रैल (वार्ता) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को आरोप लगाया कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सिर्फं सीट पाने की लालसा के लिए इंडिया समूह में शामिल हुई हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के उम्मीदवार मियां अल्ताफ के लिए प्रचार कर रहे हैं जो अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट से महबूबा मुफ्ती, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के मोहम्मद सलीम और अपनी पार्टी के नेता जफर मन्हास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में एक सार्वजनिक रैली के दौरान श्री उमर ने कहा, “मुफ्ती ने स्वार्थी तौर पर पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) और इंडिया समूह के दरवाजे से सीट पाने का प्रयास किया है।”

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में लोगों के बीच नफरत पैदा करने और डर का माहौल फैलाने की कोशिश की जा रही है।

नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि “ नेकां के लिए इंडिया समूह में शामिल होने या कांग्रेस और अन्य के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कोई बाध्यता नहीं थी। यह वैसा ही था जैसे हम स्थिति और उन खतरों के बारे में जानते थे जिनका हम सामना कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, “अगर हम स्वार्थी होते तो कांग्रेस और माकपा नेता तारागामी पीडीपी के साथ जा सकते थे। मुझे एक मिनट के लिए स्वीकार करने दीजिए कि मैं स्वार्थी हूं, क्या तारागामी भी स्वार्थी हैं।”

उन्होंने कहा, “ हमारा लक्ष्य कभी भी सीट हासिल करना नहीं था, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोग हमारे साथ जुड़ गए थे, जिन्होंने सिर्फ सीट के लिए गठबंधन को महत्व देने का काम किया।”

श्री उमर ने सुश्री मुफ्ती पर मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन लोगों की बजाय दूसरों की मदद करने का आरोप लगाया जिन्हें उनके प्रतिनिधित्व की सख्त जरूरत थी।

उन्होंने आरोप लगाया “नेकां और कांग्रेस ने दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद से भाजपा को कश्मीर से बाहर रखने के लिए उनका समर्थन स्वीकार करने का आग्रह किया। हालांकि, श्री सईद ने नेकां पर पिछले दरवाजे से उनकी सरकार में प्रवेश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।”

श्री उमर ने कहा कि 2016 में जब सुश्री मुफ्ती की सरकार हालत जर्जर थी, तो नेकां राजभवन गई और राज्यपाल से आग्रह किया कि सरकार को तोड़ने की अनुमति न दी जाए क्योंकि नेकां को पता था कि इस तरह की विकृत रणनीति से लोगों पर इसका बुरा असर पड़ेगा। क्या यह हमारा स्वार्थ था?”

उन्होंने कहा, “2018 में, महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी को हमारे समर्थन के लिए हमारे पास भेजा, मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्ताव दिया, यह पूर्व मुख्य मंत्री फारूक अब्दुल्ला थे जिन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के तुरंत समर्थन किया और दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए, क्या इस पर भी हमारा स्वार्थ था?”

सोनिया, उप्रेती

वार्ता

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