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रेलवे के सबसे लंबे पुल का निर्माण अगले वर्ष तक पूरा होने की संभावना

कोटा, 27 अप्रैल (वार्ता) पश्चिम-मध्य रेलवे के मध्य प्रदेश के कटनी में बन रहे भारतीय रेलवे के सबसे लंबे पुल (वायाडक्ट) का निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसके अगले साल की शुरूआती तिमाही में बनकर तैयार हो जाने की संभावना है।
पश्चिम-मध्य रेलवे के कोटा मंडल के जन सम्पर्क अधिकारी ने अधिकारिक जानकारी दी कि जबलपुर मण्डल के कटनी में बनाए जा रहे इस सबसे लंबे वायाडक्ट (पुल) की अप ग्रेड सेपरेटर की लम्बाई 16 किमी एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर की लम्बाई 18 किलोमीटर सहित ग्रेड सेपरेट कुल लंबाई 34 किलोमीटर है। इस कुल लम्बाई के पुल में वॉयडक्ट 18 किमी, रिटेनिंग वॉल 3 किमी, और अर्थवर्क 13 किलोमीटर के साथ अप एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना की लागत लगभग 1248 करोड़ रुपये है।
रेलवे के सूत्रों के अनुसार ग्रेड सेपरेटर परियोजना के निर्माण की मुख्य विशेषता यह है कि कटनी और कटनी मुड़वारा और न्यू कटनी जंक्शन के व्यस्त यार्ड को पार करने के लिए एलिवेटेड वायाडक्ट उपयोगी साबित होगी। इस ग्रेड सेपरेटर में वायाडक्ट (पुल) की कुल लंबाई 18 किलोमीटर है। अप ग्रेड सेपरेटर में कुल 260 स्पैन और डाउन ग्रेड सेपरेटर में 411 स्पैन निर्माणाधीन हैं। मौजूदा ट्रैक पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ दिन-रात कार्य करते हुए ग्रेड सेपरेटर के निर्माण का काम जोरों पर है। अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
कटनी ग्रेड सेपरेटर की परियोजना के पूर्ण होने पर रेलवे के बीना-कटनी रेलखण्ड में गुड्स ट्रेन के परिचालन में वृद्धि होगी।
कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जायेगा और कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखण्ड का बाईपास होगा। माल यातायात में वृद्धि होने से फ्रेट ट्रेनों के समय मे बचत होगी साथ ही आवागमन में आसानी होगी जिससे पश्चिम-मध्य रेल के रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी।
सं.रामसिंह.संजय
वार्ता
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