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विधानसभा सचिवालय का निर्दलीय विधायकों को नोटिस

शिमला, 27 अप्रैल (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से जुड़ा मामला अब एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच गया है। दलबदल विरोधी कानून के तहत तीनों निर्दलीय विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से विधानसभा सचिवालय में याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर विधानसभा सचिवालय ने निर्दलीय विधायकों को नोटिस जारी किया है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मामले की सुनवाई चार मई को निर्धारित की है। निर्दलीय विधायकों को इस तारीख को अध्यक्ष के समक्ष जवाब देना होगा।
दरअसल, श्री नेगी ने अध्यक्ष पठानिया के समक्ष याचिका दायर करते हुए निर्दलीयों के खिलाफ दल बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस्तीफा स्वीकार होने से पहले निर्दलीय किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकते थे। तीनों पर भारतीय जनता पार्टी का भारी दबाव है और इसी दबाव के चलते उन्होंने त्यागपत्र दिए हैं। उनके त्यागपत्र अभी भी अध्यक्ष के पास लंबित हैं।
गौरतलब है कि यह मामला प्रदेश उच्च न्यायालय में भी लंबित है। प्रदेश न्यायालय में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 30 अप्रैल के लिए टल गई है। तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे मंजूर न करने और उन्हें अध्यक्ष द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के खिलाफ याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष पिछले गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को निर्धारित की है।
देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर और हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने विधानसभा की सदस्यता से 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष तथा सचिव को अपने इस्तीफे सौंपे थे। इस्तीफों की एक-एक प्रति राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को भी दी थी। राज्यपाल ने भी इस्तीफों की प्रतियां विधानसभा अध्यक्ष को भेज दी थीं। इनका आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने जानबूझकर इन्हें मंजूरी नहीं दी।
सं.संजय
वार्ता
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