नयी दिल्ली ,20 फरवरी (वार्ता) भारत ने कोरोना विषाणु के खिलाफ संघर्ष में चीन की मदद के लिए चिकित्सा एवं राहत सामग्री के साथ एक विमान को वुहान भेजने का फैसला किया है जिसमें करीब सौ भारतीयों एवं पड़ोसी देशों के कुछ नागरिकों को वहां से निकाला जाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि भारत सरकार ने चिकित्सा एवं राहत सामग्री लेकर एक विमान वुहान भेजने का फैसला किया है। वायुसेना का ग्लोब मास्टर परिवहन विमान उड़ान भरने के लिए तैयार है। चीन की ओर से क्लीयरेंस मिलते ही विमान उड़ान भरेगा। उन्होंने कहा कि यह कोरोना विषाणु से लड़ाई में चीन का छोटा सा सहयोग एवं समर्थन व्यक्त करने के लिए है।
श्री कुमार ने कहा कि वापसी में यह विमान उन भारतीयों को लाएगा जो पिछली दो उड़ानों में नहीं आ पाये थे। जो भी आने के इच्छुक हैं, उनसे भारतीय दूतावास से संपर्क करने काे कहा गया है। विमान में जगह उपलब्ध होने पर हम अन्य देशों के नागरिकों को भी लाएंगे।
किन अन्य देशों के नागरिकों को लाया जाएगा, यह पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने पड़ोसी प्रथम के सिद्धांत पर पड़ोसी देशों के नागरिकों को निकाला था, पर इस बार यह भारतीय नागरिकों की संख्या की पुष्टि होने के बाद तय किया जाएगा कि कितने विदेशी नागरिकों को निकाला जाये। यह पूछे जाने पर कि क्या किसी पड़ाेसी देश से ऐसा कोई अनुरोध किया गया है, प्रवक्ता ने कहा कि भारत को ऐसे अनुरोध प्राप्त हुए हैं, पर उनका नाम नहीं बताया जा सकता है।
जापान के तट पर डायमंड प्रिंसेज़ क्रूज़ पर सवार भारतीय नागरिकों के विवरण को साझा करते हुए श्री कुमार ने कहा कि क्रूज़ पर चालक दल के 132 सदस्य एवं छह भारतीय यात्री हैं और क्रूज़ जापान के तट पर खड़ा है। निगरानी की अवधि कल बुधवार को समाप्त हो गयी है और जहाज़ से लोगों को क्रमश: उतारा जा रहा है। ताज़ा जानकारी के अनुसार आठ भारतीय नागरिक कोरोना विषाणु से संक्रमित हैं जिनका जापान के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास जापान सरकार के निरंतर संपर्क में हैं और स्थिति पर पैनी नज़र रखे हुए है।
सचिन जितेन्द्र
वार्ता