राज्यPosted at: Mar 29 2024 9:54AM स्काईरूट एयरोस्पेस ने शार रेंज में विक्रम-1 कक्षीय रॉकेट के चरण-2 का किया परीक्षण
चेन्नई, 29 मार्च (वार्ता) अंतरिक्ष-तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाली भारत की अग्रणी कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने विक्रम-1 अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान ( जिसे कलाम-250 कहा जाता है) के स्टेज-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
इसका परीक्षण श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रणोदन परीक्षण स्थल पर 85 सेकंड के लिए किया गया।
स्टार्ट-अप के एक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि परीक्षण 27 मार्च को किया गया था। विक्रम-1 प्रक्षेपण को भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के पहले निजी कक्षीय रॉकेट प्रक्षेपण के रूप में एक ऐतिहासिक घटना माना जाता है और यह परीक्षण नवंबर 2022 में स्काईरूट द्वारा भारत के पहले निजी रॉकेट- विक्रम-एस के उल्लेखनीय उपकक्षीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बाद हुआ है।
बयान के अनुसार 85 सेकंड तक चले परीक्षण में 186 किलोन्यूटन (केएन) का चरम समुद्र-स्तर का थ्रस्ट दर्ज किया गया, जिसे उड़ान में लगभग 235केएन के पूर्ण विस्तारित वैक्यूम थ्रस्ट में बदल जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कलाम-250 एक उच्च शक्ति वाला कार्बन मिश्रित रॉकेट मोटर है, जो ठोस ईंधन और उच्च प्रदर्शन वाले एथिलीन-प्रोपलीन-डायन टेरपोलिमर (ईपीडीएम) थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (टीपीएस) का उपयोग करता है।
संतोष
वार्ता