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सिंघवी की याचिका पर सुनवाई, अदालत ने हर्ष महाजन को किया नोटिस जारी

शिमला, 20 अप्रैल (वार्ता) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी रहे अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई है। याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल कर सांसद बने एवं प्रतिवादी बनाए गए हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया है।
अधिवक्ता नीरज गुप्ता ने बताया कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 को होगी।
दरअसल, श्री सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव को हिमाचल उच्च न्यायालय में एक चुनौती याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद पर्ची से विजय घोषित करने के नियम को गलत बताया है।
कांग्रेस नेता के अनुसार नियम की एक धारणा को उन्होंने याचिका में चुनौती दी है। जब मुकाबला बराबर होता है उसके बाद पर्ची निकाली जाती है। जिसकी पर्ची निकलती है, उसे विजेता होना चाहिए, लेकन अभी जिसकी पर्ची निकलती है, उसे हारा हुआ माना जाता है। यह धारणा कानूनी रूप से गलत है।
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रहे सिंघवी की याचिका पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी और राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन को उच्च न्यायालय ने नोटिस भेजा है। श्री सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव का नतीजा लॉटरी या ड्रॉ ऑफ लॉट्स प्रक्रिया के जरिये होने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, इस याचिका पर ही श्री महाजन को नोटिस दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 मई को उच्च न्यायालय की एकल पीठ करेगी।
गौरतलब है कि 27 फरवरी को हिमाचल की एक राज्यसभा सीट पर हुई वोटिंग के दौरान कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को अपना वोट दिया था। जिससे दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे। इसके बाद मुकाबला बराबार हुआ तो लॉटरी सिस्टम के जरिये श्री महाजन को विजयी घोषित कर दिया गया। याचिका में श्री सिंघवी ने कहा है कि बराबर वोट मिलने पर लॉटरी निकाली गई। जिसका नाम निकला वो चुनाव हार गया। इस तरह का प्रचलन कानूनी रूप से गलत है। चुनाव में दो प्रत्याशियों को बराबर वोट मिलने पर इसी तरह हार-जीत का फैसला होता है। इसे ड्रॉ ऑफ लॉट्स कहते हैं।
सं. उप्रेती
वार्ता
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