भारतPosted at: Jan 21 2020 3:43PM स्पीकर की शक्तियों पर फिर से विचार करे सरकार : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली, 21 जनवरी (वार्ता) उच्चतम न्यायलय ने संसद को मंगलवार को सलाह दी कि वह सांसदों और विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मामले में सदन के अध्यक्ष (स्पीकर) की शक्तियों पर फिर से विचार करे।
शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया है कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की समिति को सदस्यता रद्द करने या बरकरार रखने का अधिकार दिया जाए। यह समिति या कोई न्यायाधिकरण सालों भर काम करे, जहां सदस्यता से जुड़े मसले तय किए जाएं।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मणिपुर के वन मंत्री टी श्यामकुमार की अयोग्यता के मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी भी सांसद या विधायक की सदस्यता रद्द करने में स्पीकर की शक्तियों पर विचार करने की जरूरत है, क्योंकि स्पीकर की निष्ठा एक दल के साथ जुड़ी होती है और वह निष्पक्ष नहीं हो सकता।
सर्वोच्च न्यायालय ने संसद से कहा है कि इस पर विचार करके कानून बनाया जाए। न्यायालय का कहना है कि स्पीकर किसी न किसी राजनीतिक दल का होता है इसलिए वह निष्पक्ष फैसले नहीं ले सकते।
शीर्ष अदालत ने मणिपुर विधानसभा के स्पीकर को कहा कि वह टी श्यामकुमर की अयोग्यता पर चार सप्ताह में निर्णय करें। अगर स्पीकर चार हफ्ते में फैसला नहीं लेते हैं तो याचिकाकर्ता फिर शीर्ष अदालत आ सकते हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक फजुर्रहीम और के. मेघचंद्र ने मंत्री टी श्यामकुमार को अयोग्य ठहराए जाने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।
सुरेश.श्रवण
वार्ता