उदयपुर, 21 सितम्बर (वार्ता) भारतीय फुटबाल के समग्र विकास को नयी दिशा देने के उद्देश्य के साथ वेदांता ग्रुप की कम्पनी हिंदुस्तान जिंक ने शुक्रवार को अपने सामाजिक निवेश कार्यक्रमों और पहलों को मूर्त रूप देने के लिए जिंक फुटबाल के रूप में एक विशाल ग्रासरूट प्रोग्राम की घोषणा की।
जिंक फुटबाल अपने तरह का पहला ग्रासरूट फुटबाल विकास पहल है, जिसके केंद्र में उदयपुर के पास जावर में स्थित सभी सुविधाओं से लैस पूर्ण आवासीय अकादमी है। यह अकादमी विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है। इसके अलावा यहां देश में पहली बार एफ-क्यूब तकनीक की मदद से तकनीक आधारित फुटबाल ट्रेनिंग का इंतजाम किया गया है।
इसके अलावा जिंक फुटबाल ने समूचे राजस्थान में जिंक फुटबाल स्कूल्स के नाम से 64 सामुदायिक फुटबाल केंद्र भी शुरू करने का फैसला किया है, जिनमें 2000 जुनूनी लड़के और लड़कियों को कुशल फुटबाल ट्रेनर्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।
जिंक फुटबाल के इस पहल का लक्ष्य भारत में फुटबाल के विकास में योगदान देना है और साथ ही साथ दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल का इस्तेमाल एक साधन के रूप में करते हुए बच्चों, लोगों और समुदायों का सामाजिक उत्थान करना है।
जिंक फुटबाल अकादमी के पहले बैच के लिए 30 बेहद प्रतिभाशाली लड़कों का चयन कर लिया गया है। ये लड़के अंडर-14 वर्ग के हैं। इनका चयन बीते एक साल में आय़ोजित विभिन्न प्रतिभा खोज कार्यक्रमों के माध्यम से किया गया है, जिनमें 4500 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया। कम्पनी इस बच्चों को एक पेशेवर फुटबाल खिलाड़ी बनने की दिशा में सभी प्रकार की मदद और उचित मार्गदर्शन देगी और साथ ही साथ इनकी औपचारिक शिक्षा का भी ध्यान रखेगी।