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हिमाचल के लाहौल-स्पीति में भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग

शिमला, 19 अप्रैल (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के आदिवासी जिला लाहौल-स्पीति में गुरुवार रात आठ बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई। भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर का किश्तवाड़ रहा।
हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल-स्पीति में वीरवार रात करीब 8ः53 बजे भूकंप के झटका महसूस किया है। भूकंप का केंद्र जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ में था। भूकंप की तीव्रता 4.0 आंकी गई है। धरती हिलने के बाद लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल गए। हालांकि अभी तक कोई नुकसान की सूचना नहीं हैं।
वहीं लाहौल-स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि यदि आपके क्षेत्र के आसपास भूकंप के कारण कोई क्षति होती है तो इसकी सूचना 1077 पर दी जा सकती है।
कांगड़ा भूकंप, जो चार अप्रैल, 1905 को आया था, हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे विनाशकारी भूकंपीय घटनाओं में से एक था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.0 थी और इसका केंद्र धर्मशाला के पास करेरी में था। भूकंप ने पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विनाश किया, इमारतों, बुनियादी ढांचे को महत्वपूर्ण क्षति हुई और जीवन की हानि हुई। अनुमान बताते हैं कि 20,000 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल या विस्थापित हो गए।
राज्य सरकार लोगों को आपदाओं से बचाने के लिए कई कदम उठा रही है। प्रतिक्रिया क्षमताओं में सुधार के अलावा, सरकार का प्रशिक्षण। अधिकारियों द्वारा सामुदायिक जागरूकता और तैयारियों पर बहुत जोर दिया जा रहा है। अगली पीढ़ियों को आपदाओं के लिए तैयार करने और सुरक्षा की संस्कृति बनाने के लिए स्कूलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
समय की मांग है कि राज्य के लोग भूकंपरोधी घर बनाने पर ध्यान दें, सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक हों, पूर्व चेतावनियों को सुनें और सतर्क रहें तथा हर समय तैयार रहें। जीवन बचाना हमारा मुख्य फोकस होना चाहिए।
सं.संजय
वार्ता
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