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राशि का बेजा इस्तेमाल किया तो सजा भुगतने के लिए तैयार रहें बीसीए अधिकारी : आदित्य

 राशि का बेजा इस्तेमाल किया तो सजा भुगतने के लिए तैयार रहें बीसीए अधिकारी : आदित्य

पटना 10 जून (वार्ता) बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से हर वर्ष मिलने वाले 30 करोड़ रुपये के विकास फंड पर रोक लगाए जाने को लेकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अध्यक्ष से सवाल पूछा और आगाह किया कि इस राशि का बेजा इस्तेमाल करने वाले कड़ी सजा भुगतने के लिए तैयार रहें।

श्री वर्मा ने बुधवार को यहां सवालिया लहजे में कहा, “बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी बताएं कि बीसीसीआई ने एसोसिएशन को प्रतिवर्ष मिलने वाला विकास फंड क्यों रोक दिया है जबकि पुडुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेश के क्रिकेट संघ को यह राशि मिल चुकी है। फंड निर्गत कराने के लिए बीसीए का अध्यक्ष होने के नाते आपने कौन सी पहल की है। आपने बीसीए के सचिव संजय कुमार को बर्खास्त कर संयुक्त सचिव कुमार अरविंद को ही सचिव पद की जिम्मेवारी दी है, इसके बावजूद बीसीसीआई की ओर से आने वाले ईमेल संजय को ही मिल रहे हैं।”

सीएबी के सचिव ने कहा कि बीसीए के अध्यक्ष एसोसिएशन को दो गुटों में बांटने में लगे हैं। वह संस्था को बचाने का प्रयास करें अन्यथा वर्ष 2004 और 2010 के प्रकरण की पुनरावृत्ति वर्ष 2020 में भी न हो जाए। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो बीसीसीआई शीघ्र ही बीसीए पर कार्रवाई कर सकती है। बीसीसीआई के दो वर्तमान पदाधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि बिहार के क्रिकेट खिलाड़ियों के हित बीसीसीआई खुद आगे आएगा।

श्री वर्मा ने कहा कि बीसीसीआई की ओर से राज्य क्रिकेट संघ को प्रतिवर्ष 30 करोड़ रुपये का दिया जाने वाले विकास फंड को उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक राशि माना है। ऐसे में इस राशि का गलत इस्तेमाल करने वाले कड़ी सजा भुगतने के लिए तैयार रहें। पूर्व में भी गोवा क्रिकेट संघ के अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष पद पर रहते हुए जेल गए थे। हाल में दिल्ली क्रिकेट संघ के सचिव भी राशि के गबन के आरोप में जेल गए और दो महीने बाद जमानत पर रिहा हुए हैं। उन्होंने कहा, “क्रिकेट संघ में उच्च पदस्थ अधिकारियों को मेरा सुझाव है कि वे संस्था को अपनी निजी जागीर बनाकर हुकुमत करना बंद कर दें। जब कोई क्रिकेट संघ अपने संविधान के प्रावधानों के अनुरूप काम करे तो उसमें पारदर्शिता बनी रहती है।”

सूरज शिवा

वार्ता

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