खेलPosted at: Jun 10 2019 4:47PM भारतीय क्रिकेट के ‘युवराज’ ने लिया संन्यास
मुंबई, 10 जून (वार्ता) विश्वकप 2011 में भारत की खिताबी जीत में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे और कैंसर पर विजय पाने वाले भारतीय क्रिकेट के ‘युवराज’ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के साथ-साथ आईपीएल से भी संन्यास लेने की सोमवार को घोषणा कर दी।
भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शुमार युवराज सिंह ने अपने संन्यास की घोषणा ऐसे समय में की जब इंग्लैंड में आईसीसी का एकदिवसीय विश्वकप चल रहा है और भारत इस टूर्नामेंट में अपने दो मुकाबले लगातार जीत चुका है।
भारत ने कल लंदन में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पराजित किया था। सिक्सर किंग के नाम से मशहूर विस्फोटक बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर युवराज ने भारत की मेजबानी में 2011 में हुए विश्वकप में देश को 28 साल के लंबे अंतराल के बाद विश्व चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से नवाजा गया था।
युवराज ने मुंबई के एक होटल में संवाददाता सम्मेलन में अपने संन्यास की घोषणा की। उन्होंने नम आंखों के साथ संन्यास लेने का ऐलान करते हुए कहा, “यह मेरे लिए बहुत ही भावुक पल है। देश के लिए खेलना किसी भी खिलाड़ी के लिए जीवन के सबसे बड़े गौरव की बात होती है और उस खेल को छोड़ना आसान नहीं होता जिससे आपने इतना प्यार किया है। यह बहुत मुश्किल और साथ ही मेरे लिए बहुत खूबसूरत समय है। क्रिकेट करियर में 25 और अंतर्राष्ट्रीय करियर में 17 साल गुजारने के बाद अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है।”
भारत की तरफ से 304 वनडे, 40 टेस्ट और 58 ट्वंटी-20 मुकाबले खेलने वाले युवराज भारत की 2007 में ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में एकदिवसीय विश्वकप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे। उन्होंने कहा, मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने भारत के लिए 400 से ज्यादा मैच खेले। जब मैंने अपना क्रिकेट करियर शुरु किया था तब मैंने कभी यह कल्पना नहीं की थी कि मैं यहां तक पहुंचूंगा। मैंने इस खेल को इतना प्यार किया जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। इस खेल ने मुझे सिखाया कि किस तरह लड़कर उठा जाता है।