पुणे, 13 जनवरी (वार्ता) पश्चिम बंगाल के निशानेबाज अभिनव शॉ खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं।
आसनसोल के 10 साल के शॉ ने केआईवाईजी-2019 के पांचवें दिन रविवार को अपने टीम साथी मेहुली घोष के साथ मिलकर 10 मीटर एयर रायफल मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में अपने खेल के स्तर को उठाते हुए घोष के दूसरे स्वर्ण पदक को सुनिश्चित किया।
छठी कक्षा में पढ़ने वाले शॉ ने अपनी लय में आने और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए समय लिया। वह जूनियर (अंडर-21) और यूथ (अंडर -17) की व्यक्तिगत स्पर्धाओं के लिए चुने गए 16 निशानेबाजों में शामिल नहीं थे।
पश्चिम बंगाल की टीम क्वालीफिकेशन में 831.7 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर थी और फाइनल में उन्होंने 501.7 का स्कोर करते हुए स्वर्ण पदक हासिल कर लिया। पश्चिम बंगाल टीम ने तिरुवनंतपुरमर में जूनियर फाइनल के 498.2 और यूथ फाइनल के 498.8 के स्कोर में सुधार किया।
शॉ अपने प्रदर्शन से न केवल सबसे युवा पदक विजेता बने बल्कि उन्होंने टीम साथियों, राज्य और अपने माता-पिता को भी गौरवान्वित किया। शॉ के माता पिता ने उनका नाम देश के एकमात्र व्यक्तिगत ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा के नाम पर अभिनव शॉ रखा था। शॉ अपने कोच जॉयदीप करमाकर की देखरेख में ट्रेनिंग करते हैं जो 2012 ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने से चूक गए थे।
फाइनल में मेहुली ने अपने युवा साथी को पहला शॉट लेने देने का फैसला किया। मेहुली ने शॉ की तारीफ करते कहा, “मैं अपने शॉट को पूरा करने के लिए उनसे थोड़ा अधिक समय लेती हूं। वह बहुत जल्दी शूट करते हैं और जब हमारे पास अपनी सीरीज को पूरा करने के लिए एक मिनट होता है, तो वह उसे जल्दी से शूट करने में मदद करते हैं।”
मेहुली ने कहा, “मैंने फाइनल से पहले उनसे पूछा कि क्या उन्हें मिश्रित टीम स्पर्धा के नियम पता है। एक बार जब उन्होंने नियमों को दोहराया, तो मैंने उनसे कहा कि अपने निशानेबाजी का आनंद लें। जैसा कि आप देख सकते हैं, उन्होंने शानदार प्रदर्शन का भी आनंद लिया।”