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खुशहाल किसान राज्य की प्रगति और समृद्धि का आधार: दिनेश शर्मा

खुशहाल किसान राज्य की प्रगति और समृद्धि का आधार: दिनेश शर्मा

फिरोजाबाद, 03 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने कहा कि अन्नदाता का कल्याण सरकार के एजेन्डे में सबसे पहले है और खुशहाल किसान राज्य की प्रगति और समृद्धि का आधार होता है।

श्री शर्मा ने यहां कहाकि इसे ही मूल मंत्र मानते हुए वर्तमान सरकार ने किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखकर तमाम योजनाएं क्रियान्वित की हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान खुशहाली की डगर पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मार्च 2017 राज्य सरकार ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड रुपए के कर्ज माफ करने का निर्णय लिया था। यह सरकार की किसानों के कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में किसानों की बेहतरी के लिए जो रोडमैप तैयार किया गया उस पर राज्य सरकार मजबूती से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि इस कडी में किसान को फसल को बोने के समय आने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के लिए किसान सम्मान निधि की योजना आरंभ की गई। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए यह योजना संजीवनी साबित हुई है। प्रदेश के 2.50 करोड किसानों के खातों में करीब 32572 करोड रुपए की धनराशि ट्रान्सफर की गई है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की पिछली सरकारों के रवैये से गन्ना किसान बदहाली के कगार पर पहुंच गया था। किसानों को उनके गन्ने का मूल्य नहीं मिल पा रहा था। वर्तमान सरकार ने ना केवल गन्ना मूल्य के बकाये के भुगतान की व्यवस्था की बल्कि गन्ना मूल्य में भी बढोत्तरी की है। अब तक जो गन्ना 325 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाता था वह अब 350 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब 315 रूपये प्रति क्विंटल वाले सामान्य प्रजाति के गन्ने की कीमत 340 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगी। यही नहीं अस्वीकृत प्रजाति माने जाने वाले करीब 01 फीसदी गन्ने के मूल्य में भी 25 रुपये प्रति क्विंटल बढोतरी की गई है। अब तक 310 प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाने वाला अस्वीकृत गन्ना भी अब 335 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। इससे 45.44 लाख किसानों को इस वर्ष बढ़े हुए गन्ना मूल्य से लगभग रु 4000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि की प्राप्ति होंगी। इसके साथ ही किसानों के बिजली बिल के बकाये पर ब्याज माफ करने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 2017 में जब वर्तमान सरकार ने प्रदेश की कमान संभाली थी तब 08 साल पहले के गन्ने का भुगतान बकाया था। जिससे किसान निराश व परेशान था पर वर्तमान सरकार ने साढे चार साल में 01.44 लाख करोड का भुगतान कराया गया।

श्री शर्मा ने कहा कि पिछली सरकारों में औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं। वर्तमान सरकार सत्ता संभालने के बाद से आज तक एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई है। इस सरकार ने बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने का काम किया। सूबे में 20 चीनी मिलों का विस्तार एवं आधुनिकीकरण किया गया है। कोविड काल में भी जब सारी दुनिया ठहर गई थी तब भी प्रदेश में चीनी मिलें बन्द नहीं हुई। यह सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता को दिखाता है। इस सरकार के समय में ही 476 लाख मीट्रिक टन चीनी का रिकार्ड उत्पादन हुआ है।

उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है। अभी करीब 15 दिन पहले पेप्सिको इण्डिया ने कोसी कलां में 800 करोड की लागत वाला मथुरा फूड्स प्लाण्ट आरंभ किया गया है। ब्रज भूमि के किसानों की वर्षों से मांग थी कि उनके क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की अत्याधुनिक इकाइयां स्थापित हों। यह कारखाना किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का आधार बनेगा। इस यूनिट के माध्यम से डेढ़ लाख मीट्रिक टन आलू का प्रति वर्ष प्रसंस्करण किया जाएगा। कोसी कलां में स्थापित प्लाण्ट खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आलू उत्पादक किसानों की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा। इस खाद्य प्रसंस्करण इकाई से किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच मिला है।

सं त्यागी

जारी वार्ता

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