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अपने शौर्य से सशस्त्र सेनाओं ने सदैव देश का मान बढ़ाया है-नायडु

अपने शौर्य से सशस्त्र सेनाओं ने सदैव देश का मान बढ़ाया है-नायडु

जैसलमेर 27 सितम्बर (वार्ता) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि देश के आसपास की भू- राजनैतिक स्थिति तेजी से अनिश्चितता में बदल रही है और हम अंदर और बाहर दोनों तरफ से प्रकट और छद्म खतरों का सामना कर रहे हैं।

श्री नायडु ने जैसलमेर यात्रा के दूसरे दिन आज सेना स्टेशन के वॉर म्यूजियम पहुंचने अधिकारियों एवं जवानो को संबोधित करते हुये यह बात कही। श्री नायडु ने जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि धारा 370, जो वैसे भी एक अस्थाई प्रावधान ही था, उसे समाप्त करके भारतीय संसद ने जम्मू कश्मीर की जनता और शेष भारत के बीच एक बड़ी बाधा को दूर कर दिया हैं।

उन्होंने सशस्त्र बलों से आग्रह किया कि वे न केवल पारंपरिक युद्ध की तैयारी में अपनी बढ़त बनाए रखें बल्कि युद्ध के नए क्षेत्रों जैसे सूचना और साइबर क्षेत्र में भी अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए तैयार रहें, युद्ध क्षेत्र में रोबोटिक्स तथा ड्रोन के बढ़ते प्रयोग के लिए भी तैयारी करें।

श्री नायडु ने शांति को विकास के लिए आवश्यक शर्त बताया और कहा कि हमारी सेनाओं पर देश की सीमाओं पर और देश के अंदर भी शांति और स्थिरता बनाए रखने की महती जिम्मेदारी है। भारतीय सेना के शौर्य का अभिनंदन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाली किसी भी ताकत को हमारी सेनाओं ने मुंह तोड़ जवाब दिया है।

उपराष्ट्रपति ने थार रेगिस्तान की गर्म और कठिन परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए भारतीय सेना की सराहना की। उन्होंने सैनिकों से कहा कि देश आश्वस्त रहता है कि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का हमारी सेना द्वारा मुंह तोड़ जवाब दिया जायेगा।

उहोंने बताया कि जिस स्थान पर मातृभूमि की रक्षा में हमारे वीर सैनिकों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उस पवित्र युद्ध भूमि को देख कर वो स्वयं भावुक हो गए। उन्होंने युवा पीढ़ी से आह्वाहन किया कि वे उस स्थान को जाकर अवश्य देखें कि किन कठिन परिस्थितियों में हमारे बहादुर सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं।

सेना एवं वॉर म्यूजियम के दौरान श्री नायडु ने शहीद स्थल पर रीथलिंग सरमनी में देश की सुरक्षा के लिए शहीद हुये शहीदो को पुष्प् अर्पित किये एवं श्रद्धांजलि दी।

इसके बाद वे सीमा सुरक्षा बल की 191वीं वाहिनी के परिसर में पहुंचे जहां पर बीएसएफ के महानिरीक्षक पंकज गूमर, डी.आई.जी अरुण कुमार सिंह एवं डी.आई.जी मधुकर ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

उपराष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र तथा प्रदेश सरकार में मंत्री डा. बुलाकी दास कल्ला भी साथ रहे।

भाटिया रामसिंह

वार्ता

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