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राज्य » बिहार / झारखण्ड


मंत्री ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बिहार के कला भाव की झलक दिखायी जाएगी दूसरे दिन 23 नवंबर 2018 को बिहार दर्पण, सुरांगन के जरिये बिहार दर्शन कराया जायेगा। नीतू कुमारी नूतन बिहार की लोकगीत की प्रस्‍तुति देंगी। उसके बाद चर्चित नृत्‍य नाटिका आम्रपाली का मंचन नीलम चौधरी करेंगी। वहीं, राम प्रकाश मिश्र ठुमरी की प्रस्‍तुति देंगे। अमर आनंद, रानी कुमारी और नीतू नवगीत और सत्‍येंद्र कुमार लोकगीत का रंगारंग प्रस्‍तुति देंगे।
बिहार महोत्‍सव 2018 के तीसरे और अंतिम दिन की शुरुआत बिहार संगीत नाटक अकादमी द्वारा बिहार के गौरव गान से होगा। उसके बाद भिखारी ठाकुर परंपरा की मशहूर भोजपुरी लोक गायिका चंदन तिवारी भोजपुरी लोकगीत प्रस्‍तुत करेंगी। अनु सिन्‍हा उर्वशी नृत्‍य नाटिका प्रस्‍तुत करेंगी। वंदना ज्‍योर्तिमयी नज्‍म/गजल पेश करेंगी। अमित पासवान लोकगीत के जरिये लोगों के समक्ष होंगे। पूर्णिया कला रंग मंच द्वारा रोटी नाटक का मंचन भी होगा। कुमारी अभिलाषा शास्‍त्रीय गायन करेंगी। रंजना झा मैथिली लोकगीत प्रस्‍तुत करेंगी। दरभंगा के समित मल्लिक ध्रुपद और विश्‍वनाथ शरण सिंह द्वारा नौटंकी नृत्‍य नाटिका की रंगारंग प्रस्‍तुति के साथ बिहार महोत्‍सव 2018 का समापन हो जायेगा।
श्री ऋषि ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से बिहार की मुकम्मल सांस्कृतिक छवि प्रस्तुत करने की कोशिश की जाएगी।बिहार के खान पान की विशिष्टता, हस्तशिल्प, मिथिला चित्रकला,पहनावे के स्टाल लगाए जा रहे हैं। इस अवसर बिहार ललित कला अकादमी के द्वारा बिहार के विभिन्न शैलियों के साथ समकालीन कला के उत्कृष्ट चित्र प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
प्रेम सूरज
वार्ता
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