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राज्य » बिहार / झारखण्ड


मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि कुछ लोग समाज में टकराव और कटुता का माहौल पैदा करने में लगे हैं, उससे बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमारी योजनाएं सार्वभौमिक होती हैं, जिसका लाभ हर इलाके के लोगों को मिलता है। हमलोगों ने हाशिये पर खड़े लोगों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए विशेष पहल की है। हम वोट की नहीं वोटरों की चिंता करते हैं और हमने कभी अपराध, भ्रष्टाचार या साम्प्रदायिकता से समझौता नहीं किया है और न करेंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे गठबंधन के सहयोगी समाज सुधार के साथ ही समाज में शांति, प्रेम और सद्भावना का माहौल कायम करने में सहयोग करेंगे, यही उमा बाबू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
श्री कुमार ने कहा कि गरीबी के कारण बिहार के बच्चे आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, जिसको देखते हुए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना प्रारम्भ की गई। बैंकों के मनमाने रवैये के बाद सरकार ने अपने स्तर से शिक्षा वित्त निगम की स्थापना कर इसके माध्यम से उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए चार लाख रुपये का ऋण चार प्रतिशत की साधारण ब्याज दर पर देने की योजना बनाई। इसमें लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत के ब्याज पर शिक्षा ऋण की व्यवस्था की गई है। नौकरी मिलने के बाद ही ऋण की राशि चुकता करनी है और यदि किसी कारण से कर्ज लेने वाले विद्यार्थियों को नौकरी नही मिलती है तो उस स्थिति में वह उन्हें ऋण से मुक्त कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 13.9 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिशत है। वह चाहते हैं कि बिहार का जीईआर 30 प्रतिशत हो। बालिकाओं को मध्य और उच्च विद्यालय तक पहुंचाने के लिए उनकी सरकार ने पोशाक योजना के बाद साइकिल योजना की शुरुआत की। इससे छात्राओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ। जब साइकिल योजना वर्ष 2008 में शुरू हुई तब नौवीं कक्षा में पढ़नेवाली छात्राओं की संख्या एक लाख 70 हजार थी, जो अब बढ़कर नौ लाख हो गयी है। पोशाक योजना की राशि में भी बढोत्तरी की गई है।
सूरज उमेश
जारी (वार्ता)
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