राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Jan 13 2020 8:01PM एससी-एसटी आरक्षण अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव का बिहार विधान परिषद ने किया अनुमोदन
पटना 13 जनवरी (वार्ता) बिहार विधान परिषद ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण की अवधि दस वर्ष और बढ़ाने के लिए संसद के दोनों सदनों से पारित संविधान (126वां) संशोधन विधेयक 2019 का आज सर्वसम्मति से अनुमोदन किया।
एक दिवसीय विशेष सत्र में विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रशीद के आसन ग्रहण करने के बाद संविधान के 126वें संशोधन विधेयक के अनुमोदन की प्रक्रिया शुरू हुई। इससे संबंधित एक प्रस्ताव को संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने सदन के पटल पर रखा, जिसका सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।
कार्यकारी सभापति ने कहा कि वर्तमान में लोकसभा तथा राज्यों की विधानसभा में अनुसूचित जाति-जनजाति को दिए जा रहे आरक्षण की अवधि को अगले 10 वर्षों तक बढ़ाए जाने के लिए पूर्व में संसद के दोनों सदन से पारित संविधान संशोधन विधेयक को आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडल से पारित किया जाना आवश्यक है। इसी के तहत आज विधानसभा से अनुसमर्थन किए जाने के बाद विधान परिषद में इसका अनुसमर्थन किया जाना आवश्यक है।
संविधान के 126वें संशोधन विधेयक के सर्वसम्मति से अनुसमर्थन के बाद दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। दिवंगत नेताओं की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन भी रखा गया। जिन नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मुनीलाल, पूर्व सांसद कमल सिंह, बिहार के पूर्व मंत्री अजीत सिंह तथा पूर्व विधायक कौशलेंद्र प्रसाद शाही शामिल हैं। इसके बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
उपाध्याय सूरज
वार्ता