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आर्थिक मंदी विषय पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं: पुनिया

आर्थिक मंदी विषय पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं: पुनिया

इंदौर, 07 नवंबर (वार्ता) कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पी एल पुनिया ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है।

श्री पुनिया यहां कांग्रेस द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पहले ही नोटबन्दी के दुष्परिणामों के बारे में चेता दिया था। श्री पुनिया ने दावा करते हुये कहा कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक मुद्दे पर डॉ सिंह से सलाह ली है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डॉ सिंह से मिल चुके हैं, लेकिन सरकार की नीतियों में सुधार का कोई प्रभाव नजर नहीं आ रहा है।

श्री पुनिया ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से कोयला, कच्‍चा तेल, उर्वरक, स्‍टील, पेट्रो रिफाइनिंग, बिजली और नेचुरल गैस जैसे कोर सेक्टर में गिरावट आयी है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घटा है। कार मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर प्रभावित हुआ है। बैंक बदहाल स्थिति में हैं, एनपीए बढ़ रहा है और सरकार 5 ट्रिलियन यूएस अर्थव्यवस्था बनने की बात करती है। देश दिवालियापन की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिये।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी श्री पुनिया ने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं कर सके, लेकिन संकट अभी भी मंडरा रहा है। चीन, भारत को हस्ताक्षर करने के लिए मनाने की कोशिश में जुटा है।

सांसद श्री पुनिया ने आरसीईपी के नकारात्मक प्रभाव बताते हुए कहा कि इससे छोटे, बड़े उद्योग, कृषि, डेयरी उद्योग प्रभावित होगा। पड़ोसी देश चीन जो अपने सस्ते उत्पादों के ‘डम्प’ करने की वजह से वैसे भी बदनाम है, संधि पर भारत के हस्ताक्षर होने से चीन अपने उत्पाद बड़ी मात्रा में यहाँ डम्प करेगा, जिससे यहां का स्थानीय बाजार प्रभावित होगा।

कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व संकट के प्रश्न पर श्री पुनिया ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व इस विषय पर सजग है, चिंतन कर रहा है। बेरोजगारी के चलते बढ़ रहे अपराध के एक प्रश्न पर श्री पुनिया ने कहा कि यह कुछ हद तक सही है, लेकिन सिर्फ इसे ही जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।

सं बघेल

वार्ता

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