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कृषि उद्यमियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा बिज़नेस प्रबंधन संस्थान: खट्टर

कृषि उद्यमियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा बिज़नेस प्रबंधन संस्थान: खट्टर

गुरूग्राम, 13 फरवरी(वार्ता) हरियाणा के हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय गुरूग्राम जिले के दौलताबाद गांव में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एवं एग्रीप्रीन्योरशिप संस्थान का स्थापित करेगा जिसका मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज यहां शिलान्यास किया।

श्री खट्टर ने इस अवसर पर कहा कि यह संस्थान प्रदेश में तो अनूठा होगा ही देश में भी इसके मुकाबले का संस्थान नहीं है। इस संस्थान के माध्यम से कृषि उत्पाद बेचने और इनके प्रबंधन के पूरे अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि जोत छोटी होती जा रही है और ऐसे में सोचना होगा कि किस प्रकार थोड़ी जोत भूमि में नई तकनीक अपनाकर या वैज्ञानिक तरीके से खेती कर तथा बाजार की मांग अनुसार कृषि उत्पादन कर ज्यादा लाभ अर्जित किया जा सके। इस बारे में योजनाएं बनानी पड़ेंगी और किसानों को भी फसलों में विविधिकरण अपनाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगभग चार करोड़ आबादी है और उसकी दिन प्रतिदिन की आवश्यकताएं पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में पड़ने वाले प्रदेश के किसानों को पैरी अर्बन एग्रीकल्चर अपनाने की जरूरत है। इसका मतलब है कि दिल्ली एनसीआर की जरूरत को पूरा करने के लिए सब्जी, फल, फूल, दूध, मछली, दुग्ध उत्पाद आदि के उत्पादन बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि वर्ष 2022 तक किसान की आय दुगुनी हो और इस दिशा में हरियाणा सरकार काम कर रही है। हरियाणा में किसान कल्याण प्राधिकरण बनाया गया है ताकि अलग-2 विभागों के माध्यम से लागू की जा रही कृषि सम्बंधी योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को सुनिश्चित किया सके।

उन्होंने बताया कि जिस संस्थान का आज शिलान्यास किया गया है उसमें पांच प्रकार के पाठ्यक्रम होंगे। इनमें एग्री बिजनेस मैनेजमेंट, रूरल मैनेजमेंट, बिजनेस मैनेजमेंट, एंटरप्रीन्योरशिप मैनेजमेंट तथा काॅपरेटिव मैनेजमेंट पाठ्यक्रम होंगे। यहां शिक्षित होकर युवा रोजगार के ज्यादा अवसर प्राप्त करने के लिए योग्य बनेंगे। यह संस्थान एक एक्सचेंज के रूप में भी काम करेगा जिसमें नामी संस्थानों के योग्य उम्मीदवारों के साथ तालमेल कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के साथ भी योजनाओं पर काम चल रहा है। करनाल में बागवानी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है ताकि किसानों को बागवानी अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जोत भूमि छोटी होने के साथ अब खेती में वर्टिकल खेती अर्थात् जमीन से उपर उंचाई की तरफ खेती के प्रयोग भी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 15 हजार एकड़ में वर्टिकल खेती के प्रयोग किए जा रहे हैं। सरकार बीज से लेकर बाजार तक की योजनाएं बनाई जा रही हैं। सरकार का प्रयास है कि हर किसान की ट्रेकिंग की जाए कि उसे समय पर बीज और खाद मिले और बाजार में ठीक भाव मिले ताकि प्रदेश का किसान खुशहाल बने।

समारोह में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे. पी. दलाल, बादशाहपुर के विधायक एवं हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन राकेश दौलताबाद, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह, कुलपति प्रोफेसर समर सिंह तथा गणमान्य मौजूद थे।

सं.रमेश1919वार्ता

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