राज्यPosted at: Sep 7 2018 8:32PM माकपा ने धारा 377 निरस्त हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
कोलकाता 07 सितंबर(वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दो बालिगों में आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने को अपराध करार देने वाली धारा 377 को निरस्त करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।
माकपा ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि एलजीबीटी समुदाय के लिए यह एक एेतिहासिक फैसला है जिन्हें लंबे समय से लोगों के तिरस्कार, अपमान, हठधर्मिता और पुरातनवादी सोच के चलते पीड़ित होना पड़ा था।
बयान में कहा गया है कि पार्टी ने हमेशा से धारा 377 के खिलाफ आंदोलन का समर्थन किया है अौर उच्चतम न्यायालय ने इसे निरंकुश और भेदभावपूर्ण करार दिया है।