मेलबोर्न, 19 जुलाई (वार्ता) ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने अम्पायर फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में बदलाव की मांग करते हुए कहा है कि इसमें हेरफेर किया जा रहा है और इसकी प्रणाली में बदलाव होना चाहिए।
कोरोना वायरस के कारण खेल गतिविधियां ठप्प होने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली कर रही इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज के दौरान प्रत्येक पारी में तीन रिव्यू दिए गए हैं जो सामान्य से एक अधिक है।
चैपल ने इंग्लैंड और विंडीज के बीच पहले टेस्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि उस मुकाबले में किस तरह अंपायर रिचर्ड कैटलबोरो के फैसले को पलटा गया।
चैपल ने कहा, “ऐसा समय था जब बीसीसीआई को डीआरएस पर भरोसा नहीं था। मैं अब बीसीसीआई के साथ नहीं हूं क्योंकि अब भी मुझे डीआरएस पर अधिक भरोसा नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के दो उद्देश्यों को प्राप्त करने में विफल रही है। पहला सही निर्णय पर पहुंचना और दूसरा गलती को पकड़ना।”
उन्होंने कहा, “जब तक रिव्यू के सीमित मौके रहेंगे इसकी कोई गांरटी नहीं कि हम यह उद्देश्य प्राप्त करेंगे। इसके मौजूदा प्रणाली में डीआरएस का उपयोग ज्यादातर 50/50 निर्णयों की समीक्षा के लिए और कभी-कभी रणनीति के रुप में किया जाता है।”
उन्होंने कहा, “अगर मैं खिलाड़ी हूं और फैसले में कोई इंसान शामिल है तो मैं अंपायर को शामिल होना ज्यादा पसंद करुंगा। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट के दूसरे दिन की शुरुआत में तीन फैसले बदले जाने के बाद अंपायर कैटलबोरो के चेहरे पर घृणा के भाव इस प्रणाली को लेकर उनकी सोच का सबूत है। दुनिया के बेहतरीन अंपायर में से एक कैटलबोरो के साथ मेरी सहानुभूति है।”
चैपल ने कहा, “इंग्लैंड औऱ विंडीज के बीच सीरीज में डीआरएस के इस्तेमाल में गड़बड़ी हुई है जो इस बात का प्रतीक है कि इस प्रणाली में कितना हेरफेर हुआ है। यह सही समय है जब इसकी प्रणाली में जरुरी बदलाव किए जाने चाहिए।”
शोभित राज
वार्ता