खेलPosted at: Mar 9 2017 7:15PM डीआरएस का सबसे विवादास्पद पहलू है अंपायर कॉल
नयी दिल्ली,09 मार्च (वार्ता) बेंगलुरू में दूसरे टेस्ट के दौरान आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ के डीआरएस लेने के लिये ड्रैसिंग रूम की ओर इशारा करने को लेकर अच्छा खासा विवाद उठा लेकिन इस विवाद में अंपायर कॉल का मुद्दा पूरी तरह नज़रअंदाज हो गया। अंपायर फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में अंपायर काॅल इस समय सबसे बड़ा विवादास्पद मुद्दा है जिसमें मुख्यत: पगबाधा के फैसलों पर अंपायर कॉल ही अंतिम निर्णय होता है। चाहे अंपायर के फैसले पर डीआरएस ही क्यों न ले लिया गया हो। बेंगलुरू टेस्ट में कुछ ऐसे वाक्ये हुये जिनसे यह साबित होता है कि अंपायर कॉल में सुधार करने की जरूरत है। पूर्व भारतीय कप्तान और अब मशहूर कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने भी अंपायर कॉल की कड़ी आलोचना की है और उनका कहना है कि यदि अंपायर का फैसला ही माना जाना है तो फिर डीआरएस की जरूरत क्यों है। भारत की दूसरी पारी के दौरान कप्तान विराट कोहली उन्हें पगबाधा आउट दिये जाने के फैसले और उनका डीआरएस खारिज होने से खासे उखड़े हुये नज़र आये थे। विराट का इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं चल रहा था और उन्हें दूसरी पारी में तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड की गेंद पर पगबाधा आउट दे दिया गया। विराट ने तुरंत डीआरएस की ओर इशारा किया क्योंकि उनका महसूस करना था कि गेंद ने पहले बल्ले को छुआ और फिर पैड से टकराई। तीसरे अंपायर रिचर्ड कैटलबोरो ने कई रिप्ले देखने के बाद मैदानी अंपायर के निर्णय को कायम रखा। कैटलबोरो ने मैदानी अंपायर से कहा“ इस बात की पुष्टि करने के कोई स्पष्ट प्रमाण नही है कि गेंद ने पहले बल्ले को छुआ।”