Friday, Apr 26 2024 | Time 20:36 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


निडर, अडिग और अजय है लल्लू : प्रियंका

निडर, अडिग और अजय है लल्लू : प्रियंका

लखनऊ 12 जून (वार्ता) महामारी एक्ट के उल्लघंन और धोखाधड़ी के आरोप में लखनऊ जेल में बंद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार को सेवा भावना से ओतप्रोत बताते हुये पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इतने अन्याय और दमन के बाद भी वे निडर, अडिग और अजय हैं। लोकतंत्र और न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा है।

श्रीमती वाड्रा ने शुक्रवार को एक लेख के जरिये प्रदेश अध्यक्ष के प्रति अपनी भावना का इजहार किया। उन्होने कहा कि अन्याय देखकर चुप रहना अजय लल्लू की फितरत नहीं है। कई मौकों पर उन्होने इसे सिद्ध किया है। श्री लल्लू का मानना है “संघर्ष, संपर्क, और संवाद” के राजनीति सफल नहीं हो सकती”।

उन्होने कहा कि यह बीसवीं बार है जब उन्हें एक डरी हुई अलोकतान्त्रिक सरकार ने हिरासत में लिया है। इतने अन्याय और दमन के बाद भी वे निडर, अडिग और अजय हैं। लोकतंत्र और न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा है। त्याग और सेवा की उनकी भावना अजेय है। वे इंसाफ के हकदार हैं। उनके साथ न्याय होना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बेबाकी से अपनी बात रखने वाले लल्लू एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके लिए संघर्ष और पीड़ा स्वयं का भोगा हुआ यथार्थ है। वो पूर्वी उप्र के कुशीनगर जिले के सेवरही गांव में पैदा हुए, जहां बौद्ध धर्म के अनगिनत चिन्ह एक इतिहास समेटे हुए हैं। अजय लल्लू कक्षा छह के छात्र थे जब उन्होंने सड़क पर ठेला लगाया। दीवाली में पटाके बेचे, बुआई के मौसम में खाद और बाकी के दिनों में नमक बेच कर गुजारा किया।

कॉलेज के वक्त लल्लू का सामना छात्र राजनीति से पड़ा। वे छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। सेवाभावना और उत्साह से भरे इस युवा को एक दिन मुख्यधारा की राजनीति में आना ही था मगर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना पहला चुनाव हारने के बाद आर्थिक मुश्किलों से जूझते हुए लल्लू के सामने दिल्ली जाकर कमाने के अलावा विकल्प न बचा।

उन्नाव में बलात्कार पीड़िता के परिजनो काे जब हम साथ में सांत्वना देने जा रहे थे कि रास्ते में उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली में वह एक झुग्गी में अन्य मजदूरों के साथ रहे। कमाई थी रोज का 90 रुपया। मगर क्षेत्र के लोग उन्हें भूले नहीं और फोन कर वापस बुलाते रहे। दो साल बाद लल्लू वापस लौटे और यूथ कांग्रेस के बूथ अध्यक्ष के रूप में अपनी नई पारी की शुरुआत की। आंदोलन, धरना, प्रदर्शन, गिरफ़्तारी जैसे रोज का काम बन गया।

प्रदीप

जारी वार्ता

image