राज्यPosted at: Oct 15 2019 6:15PM दो श्रीलंकाई गैंगस्टर को गलती से रिहा करने के दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आदेश
मदुरै,15 अक्टूबर (वार्ता) मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार से श्रीलंकाई अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर डी. संका शिरंथा और उसके सहयोगी एम. मोहम्मद सफरास को पुझाल केंद्रीय कारागार से गलती से रिहा करने के मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया।
श्रीलंकाई अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर डी. संका शिरंथा (33) और उसका साथी एम. मोहम्मद सफरास (36) श्रीलंका में हत्या समेत कई गंभीर अपराधों में वांछित थे। उन्हें अदालत के आदेश पर श्रीलंका प्रत्यर्पित करने की तैयारी की जा रही थी तभी अगस्त में जेल अधिकारियों ने दोनों आरोपियों को गलती से रिहा कर दिया जिसके बाद से दोनों लापता हो गये।
न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन और एन आनंद वेंकटेश की पीठ ने राज्य सरकार को दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
रामनाथपुरम के पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश मीणा ने अदालत में उपस्थित होकर मामले की स्थिति रिपोर्ट सौंपी।
राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि दोनों श्रीलंकाई नागरिक जेल से गलत तरीके से रिहा किये जाने के बाद नाव में सवार होकर अवैध रूप से श्रीलंका लौट गये हैं। रामनाथपुरम जिले की पम्बन पुलिस ने दोनों आरोपियों को श्रीलंका भागने में मदद करने के लिए कुछ लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये हैं।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में श्रीलंका की सरकार को आधिकारिक पत्र भेजकर जानकारी मांगी है कि शिरंथा और सरफास श्रीलंका पहुंचे हैं या नहीं।
पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई की तारीख पांच नवंबर निर्धारित की है।
गौरतलब है कि शिरंथा और सरफास इस वर्ष जनवरी में श्रीलंका से भागकर तमिलनाडु आ गये थे और थंगप्पापुरम में किराये के मकान में रह रहे थे। पुलिस ने उन्हें 28 फरवरी को पासपोर्ट कानून और विदेशी नागरिक कानून के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
दोनों आरोपियों ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद अदालत ने उनके पिछले जीवन का ब्योरा मांगा था। इसके बारे में पता लगाने पर मालूम हुआ कि वे दोनाें श्रीलंका में गंभीर अपराधों में वांछित हैं और कानून से भागकर भारत आये हैं। इस पर अदालत ने उन्हें स्वदेश भेजने का अादेश जारी किया।
न्यायालय ने दोनों आरोपियों काे प्रत्यर्पित करने का आदेश जेल अधीक्षक को सौंपा जिसे उन्होंने गलती से जमानत का आदेश समझ लिया और दोनों को रिहा कर दिया।
यामिनी.श्रवण
वार्ता