लखनऊ,05 अप्रैल (वार्ता) उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वस्थ राष्ट्र ही सम्पन्न एवं समृद्ध राष्ट्र बन सकता है और इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं में अधिक निवेश की आवश्यकता है।
श्री नायडू ने शुक्रवार को यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में कार्डियोलाॅजिकल सोसायटी आफ इण्डिया द्वारा तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि श्री नायडू ने कहा कि वर्तमान समय में बदलती जीवन शैली, भागा-भागी की जिन्दगी, खान-पान में बदलाव तथा शारीरिक परिश्रम का न होना अनेक बीमारियों का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि इलाज के साथ-साथ रोगों से कैसे बचा जाय, इस पर भी जोर देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बड़े अस्पताल केवल शहरी क्षेत्र तक सीमित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अद्यतन चिकित्सा सुविधा पहुंचाने की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार, चिकित्सक और मीडिया समाज में जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
उप-राष्ट्रपति ने कहा कि ईश्वर के बाद लोग चिकित्सकों को स्थान देते हैं। चिकित्सीय सेवा कमीशन नहीं मिशन के भाव से करें। चिकित्सक अपनी सेवाएं प्रदान करने में आनन्द महसूस करें। उन्होंने कहा कि 35 वर्ष से कम आयु के 25 प्रतिशत लोग हृदय रोग से ग्रसित हो रहे हैं। जंक फूड और पश्चिमी रहन-सहन अधिकांश बीमारी की जड़ है। रोगी सेवा में ज्यादा समय देना महा-आनन्द का कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ अनुसंधान के माध्यम से अपने ज्ञान का वर्द्धन करें। योग, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। विदेशों में योग के केन्द्र खुले हैं।
त्यागी
जारी वार्ता