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हिमाचल उपचुनाव: भाजपा व कांग्रेस ने बदली बिसात

हिमाचल उपचुनाव: भाजपा व कांग्रेस ने बदली बिसात

शिमला, 24 मार्च (वार्ता) कांग्रेस के अयोग्य ठहराए गए छह विधायकों के साथ-साथ तीन निर्दलीय विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से प्रदेश के नौ हलकों में समीकरण बदल गए हैं।

कांग्रेस के बागी विधायकों वाले हलकों में उपचुनाव का एलान हो चुका है जबकि तीन निर्दलीय विधायकों के हलकों में घोषणा अभी बाकी है। बहरहाल, इन हलकों में भाजपा-कांग्रेस ने बिसात तो बदल दी है, अब मोहरे भी बदल जाएंगे। नौ सीटों पर अब दोनों ही दलों से नए चेहरे चुनावी मैदान में दिख सकते हैं।

सुजानपुर से केसीसी बैंक के अध्यक्ष व पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया, महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता वर्मा और कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष नरेश ठाकुर टिकट के संभावित दावेदार हो सकते हैं। कुलदीप पठानिया बमसन से विधायक रह चुके हैं। अनीता वर्मा कांग्रेस टिकट पर निर्दलीय राजेंद्र राणा के खिलाफ पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। गत चुनाव में प्रत्याशी रहे डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा का दावा एक बार फिर मजबूत है। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू का नाम भी चर्चा में है। सुजानपुर से भाजपा प्रत्याशी रहे कैप्टन रंजीत सिंह राणा का कहना है कि फिलहाल लोस चुनाव व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को जिताना प्राथमिकता है। समय आने पर उपचुनाव के बारे में कुछ कहेंगे।

पूर्व विधायक नरेंद्र ठाकुर ने फिलहाल उपचुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया है। यहां से टिकट की दौड़ में रहे हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के पूर्व समन्वयक नवीन शर्मा भी लगातार सक्रिय हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष हमीरपुर देशराज शर्मा ने कांग्रेस नेताओं की भाजपा में स्वीकार्यता के सवाल पर कहा कि पार्टी हाईकमान का जो भी निर्णय होगा वह स्वीकार्य होगा। कांग्रेस जिला अध्यक्ष हमीरपुर सुमन भारती ने कहा कि तीनों ही क्षेत्र में नेताओं की कमी नहीं है। कांग्रेस हाईकमान और मुख्यमंत्री सुक्खू के निर्देश पर उपचुनावों के लिए रणनीति तैयार होगी।

बड़सर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक मनजीत डोगरा, अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्यवक दीपक शर्मा और यूथ कांग्रेस के दिल्ली कार्यालय में सेवाएं दे रहे नितिन शर्मा संभावित उम्मीदवारों में हैं। यहां ब्राह्मण नेताओं का दबदबा रहा है। वर्ष 2022 में भाजपा के बागी रहे आजाद प्रत्याशी संजीव शर्मा ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि हाईकमान के ध्यान में सारी बातें हैं।

कुटलैहड़ में भाजपा के लिए पार्टी से पूर्व विधायक रहे राजेश ठाकुर और चैतन्य शर्मा में से एक का चुनाव करना चुनौती रहेगी। पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, दो बार जिला परिषद सदस्य रहे अश्वनी ठाकुर, ब्लॉक कांग्रेस प्रधान सुरेंद्र कंवर भी टिकट को लेकर चर्चाओं में हैं। पार्टी पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को टिकट देती है या कांग्रेस से विधायकी छोड़कर आए देवेंद्र भुट्टो को, इसको लेकर मंथन जारी है। कांग्रेस के टिकट के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विवेक शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता देसराज मोदगिल, देशराज गौतम, प्रदेश प्रवक्ता विजय डोगरा, रणवीर राणा, बलदेव कुटलैहड़िया, अरुण पटियाल ने भी दावेदारी जताई है। उधर, पूर्व विधायक राकेश कालिया के भाजपा से इस्तीफा देने से पार्टी के लिए नई दिक्कतें खड़ी हो गई हैं।

धर्मशाला से सुधीर शर्मा के उपचुनाव लड़ने पर संशय है। सूत्रों के अनुसार सुधीर कांगड़ा से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी भी हो सकते हैं धर्मशाला में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में गुटबाजी जगजाहिर है। इसमें धर्मशाला से पूर्व विधायक किशन कपूर, विशाल नैहरिया और पूर्व प्रत्याशी राकेश चौधरी को साथ लेकर चलना होगा। कांग्रेस में हरभजन सिंह चौधरी, देवेंद्र जग्गी और विजय इंद्र करण के नाम ही यहां से उपचुनाव के लिए नजर आ रहे हैं।

विधायक केएल ठाकुर के भाजपा में आने से पूर्व विधायक लखविंद्र राणा के लिए भाजपा में हालात बदले हैं। उपचुनाव में केएल ठाकुर को टिकट मिलना करीब तय है। ऐसे में राणा के पास दो विकल्प हैं। या कांग्रेस में लौटें और वहां टिकट का जुगाड़ करें या चुपचाप भाजपा में रहें। नालागढ़ कांग्रेस में पूर्व प्रत्याशी व प्रदेश महासचिव हरदीप बावा पहले से ही हैं और उनका राणा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है, इसलिए वहां पर टिकट पर सहमति नहीं बनेगी।

देहरा से होशियार सिंह का भाजपा के टिकट पर उपचुनाव में उतरना लगभग तय है। यहां 2022 के चुनावों में भाजपा ने ज्वालामुखी से विधायक रहे रमेश धवाला तो कांग्रेस ने कांगड़ा विस क्षेत्र से संबंध रखने वाले डॉ. राजेश शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह ने दोनों को हरा दिया। अब देहरा भाजपा कार्यकर्ताओं को साथ रखने में होशियार सिंह कितने कामयाब हो पाते हैं, यह देखना दिलचस्प रहेगा।

कांग्रेस के रवि ठाकुर के भगवा रंग में रंगने से लाहौल-स्पीति की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। रवि ठाकुर को टिकट देने की सूरत में भाजपा और रवि ठाकुर दोनों को अग्निपरीक्षा का सामना करना होगा। रवि ठाकुर को भी अपने पुराने कांग्रेसी समर्थकों को साथ लाना और भाजपा कार्यकर्ताओं को जोड़ना आसान नहीं होगा। उधर, लाहौल स्पीति में कांग्रेस के टिकट के लिए पूर्व विधायक रघुवीर सिंह ठाकुर समेत लगभग 10 नेता दावेदारी जता चुके हैं।

चैतन्य शर्मा के भाजपा में जाने के बाद हालात बदल गए हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राणा रणजीत सिंह ने गगरेट में टिकट को लेकर अपने दावेदारी ठोक दी है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राणा रणजीत ने कहा कि गगरेट से उनके साथ ही कई चेहरे दावेदारी कर रहे हैं। पार्टी हाईकमान जिसका नाम तय करेगी, उसका स्वागत है।

सं.संजय

वार्ता

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